चीत्कार मे गुम हुई बसंत पंचमी की खुशियां

सीधी: बाण सागर नहर मे गिरी यात्री बस, 47 लोगों की जलसमाधि
भोपाल।मध्यप्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार सुबह 7:30 बजे बड़ा हादसा हो गया। 54 यात्रियों के साथ सतना जा रही बस 22 फीट गहरी बाणसागर नहर में गिर गई। अब तक 47 शव निकाले जा चुके हैं। मरने वालों में 16 यात्रियों की उम्र 25 साल या उससे कम है। इनमें 23 पुरुष, 22 महिला और 2 बच्चे हैं। 47 शवों के पोस्टमॉर्टम के लिए रामपुर नैकिन में डॉक्टर कम पड़ गए। जिलेभर से डॉक्टरों को बुलाया गया, तब जाकर सभी शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ। माना जा रहा है कि कुछ शव बह गए हैं। रेस्क्यू टीम के पहुंचने से पहले ही एक महिला, एक लड़की और उसके भाई ने सात लोगों को बचा लिया। बस का ड्राइवर खुद तैरकर बाहर आ गया, जिसे बाद में हिरासत में ले लिया गया।
बस में क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे, कई एग्जाम देने जा रहे थे
हादसा रामपुर नैकिन के पास सरदा गांव में हुआ। यह जगह सीधी से 80 किलोमीटर और सतना से करीब 100 किलोमीटर दूर है। बस सुबह 6 बजे सीधी से रवाना हुई थी। इसमें 32 लोग बैठाए जा सकते थे, लेकिन ड्राइवर ने 54 यात्री भर लिए थे। इनमें ज्यादातर सीधी और सिंगरौली जिले के रहने वाले थे। 12 लड़के-लड़कियां रेलवे, NTPC और नर्सिंग का एग्जाम देने सतना और वहां से रीवा जाने के लिए अपनी मां या पिता के साथ इस बस में सवार हुए थे।
ड्राइवर ने स्टूडेंट्स के लिए रूट बदला था
इस बस को सीधी से चुरहट, रामपुर नैकिन, बधबार और गोविंदगढ़ होते हुए सतना पहुंचना था। चुरहट तक बस आई, लेकिन उसके बाद रामपुर नैकिन से स्टूडेंट्स के कहने पर ड्राइवर ने रूट बदल लिया। इन स्टूडेंट्स का एग्जाम था, इसलिए उन्हें वक्त पर सतना पहुंचना था। दरअसल, सीधी से सतना जाने वाला नेशनल हाईवे-39 छुहिया घाटी से गुजरता है। जगह-जगह सड़क खराब और अधूरी होने से पिछले कुछ दिनों से छुहिया घाटी में जाम लग रहा है। इसलिए कई गाड़ियां छुहिया घाटी से पहले बगवार गांव से होते हुए जा रही हैं। बस के ड्राइवर ने भी जाम से बचने के लिए रूट बदला था। ड्राइवर बस को लेकर सीधी से चुरहट और रामपुर नैकिन तक लेकर आया। फिर उसने बस को बगवार गांव में मोड़ दिया। यहां से बस सरदा गांव पहुंची। इस गांव से जो रास्ता सतना की ओर जाता है, उसके साथ-साथ नहर चलती है। यहां एक जगह आकर रास्ता संकरा हो जाता है। चश्मदीदों ने बताया कि बस का पिछला टायर नहर की ढलान की ओर जाने लगा। ड्राइवर ने ब्रेक लगाने की कोशिश की, लेकिन ब्रेक लगे नहीं और बस बेकाबू होकर नहर में जा गिरी। सतना में रजिस्टर्ड यह बस जबलानाथ परिहार ट्रेवल्स से जुड़ी हुई थी।
बचने का मौका नहीं मिला
जिस नहर में हादसा हुआ, उसमें बाणसागर जलाशय से पानी छोड़ा जाता है। हादसे के वक्त यहां पानी का बहाव ज्यादा था। इस वजह से यात्रियों को बचने का मौका नहीं मिला। माना जा रहा है कि तेज बहाव के कारण यात्री घटनास्थल से काफी दूर बह गए होंगे। जब रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची तो बस पूरी तरह 22 फीट गहरी नहर में डूबी हुई थी। 40 किलोमीटर दूर मौजूद बांध जलाशय से पानी का बहाव रुकवा कर उसे सिहावल नहर में डाइवर्ट किया गया, तब बाणसागर नहर में पानी कम हुआ। इसके बाद गोताखोर नहर में उतरे और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। हादसे के करीब चार घंटे बाद 11:45 बजे क्रेन की मदद से बस को बाहर निकाला गया। नहर में पानी कम होते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ और एक के बाद एक लाशें बाहर आती गईं। मंगलवार को ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मध्यप्रदेश के 1.10 लाख लोगों के गृह प्रवेश का कार्यक्रम था। इसमें गृह मंत्री अमित शाह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होना था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि हादसे के चलते अब कार्यक्रम संभव नहीं होगा। रेलवे, NTPC और नर्सिंग का एग्जाम देने सतना जा रहे युवा भी इस हादसे का शिकार हुए। रेस्क्यू के दौरान उनके बस्ते मिले।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने दुख जताया
हादसे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताया। हादसे में मरने वालों के परिजनों के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने 5-5 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की है। इसमें से 10-10 हजार रुपए तत्काल दिए जाएंगे। वहीं, मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से परिजनों के लिए 2 लाख और गंभीर रूप से घायलों के लिए 50 हजार रुपए देने की घोषणा की है।
डूब गई 16 परिवारों के भविष्य की उम्मीदें
बाणसागर नहर से निकाले गए शवों में से 43 की पहचान कर ली गई है। इसमें से ज्यादातर युवा हैं, जो रेलवे और बीएससी नर्सिंग की परीक्षा देने के लिए रीवा और सतना जा रहे थे। जिन 43 शवों की पहचान की गई है, उनमें से 16 यात्रियों की उम्र 20 से 25 साल के बीच थी। दो साल के बच्चे की भी हादसे में मौत हुई है।
1. विमला द्विवेदी, 50 साल
2. सुप्रिया तिवारी, 20 साल
3. जिमेश तिवारी, 38 साल
4. जगमोहन साकेत, 30 साल
5. श्यामलाल साकेत, 40 साल
6. हीरालाल शर्मा, 60 साल
7. लक्ष्मी, 22 साल
8. अमर साकेत, 22 साल
9. राजेंद्र द्विवेदी, 40 साल
10. रामसुख साकेत, 50 साल
11. सुशीला प्रजापति, 27 साल
12. पिंकी गुप्ता, 25 साल
13. रीना तिवारी, 25 साल
14. सुमित्रा कोल, 35 साल
15. जगदीश, 65 साल
16. अशोक कुमार तिवारी, 48 साल
17. अनिल त्रिपाठी, 40 साल
18. कल्याण सिंह यादव, 22 साल
19. कविता यादव, 25 साल
20. अनिल कुमार पटेल, 24 साल
21. अथर्व कुमार गुप्ता, 2 साल
22. तपस्या पनिका, 26 साल
23. अवधेश प्रजापित, 35 साल
24. विमला प्रजापति, 26 साल
25. राजकुमार प्रजापति, 24 साल
26 यशोदा विश्वकर्मा, 30 साल
27. कोमल सिंह, 25 साल
28. अनिल पटेल, 23 साल
29. राघवेंद्र तिवारी, 20 साल
30. रामवती सिंह, 20 साल
31. प्रियंका सिंह, 20 साल
32. मनमोहन बैगा, 35 साल
33. अयोध्या पाल, 40 साल
34. शिवभान पाल, 30 साल
35. प्रदीप कुमार
36. दिग्विजय सिंह चंदेल
37. अंकिता तिवारी, 21 साल
38. सुषमा सिंह
39. अजय कुमार, 30 साल
40. रामकली यादव, 28 साल
41. विश्वनाथ यादव, 30 साल
42. पुष्पराज प्रजापति, 32 साल
43. सोमबाई सिंह
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