चंद कदमों बाद लौट पड़े बाबा हुजूर

मोहर्रम की सातवीं
पर देर रात निकली सवारी, कौम को दिया सब्र पैगाम


उमरिया। हमेशा अपनी दुआओं से उमरिया को मालामाल करने वाले बाबा हुजूर को कौम की कितनी फिक्र है, इसका नजारा मोहर्रम की 7वीं पर इमाम बाड़ा मे उस वक्त देखने को मिला जब सवारी महज चंद कदम चलने के बाद ही वापस लौट आई। गुरूवार की रात करीब 11.35 बजे बाबा हुजूर की सवारी इमाम बाड़ा से निकली। कुछ दूर आगे बढऩे के बाद जायरीनो को दीदार कराते हुए केवल 5 मिनट मे ही सजदा लेकर वे रूखसत हो गये। इस दौरान अपनी तकरीर मे हुजूर ने कहा कि मुल्क मे महामारी आई है, सब्र से काम लें..जल्दी ही यह लौट भी जायेगी। जानकारों का मानना है कि बाबा हुजूर की रहमत से इस शहर मे कभी कोई आफत नहीं आई। आज जब कोरोना को लेकर हर आमोखास, सरकार और प्रशासन मे चिंता है, तो उन्होने भी ज्यादा समय न लेकर प्रतीक के रूप मे आमद दी और बेहद कम समय मे ही रूखसत हो गये। कल नौवीं पर कत्ल की रात और 10वीं पर मातमी पर्व मोहर्रम मनाया जायेगा।
सद्भाव की मिसाल उमरिया का मोहर्रम
उमरिया का मोहर्रम पर्व पूरे देश के लिये भाईचारे और सद्भाव की मिसाल है। इस मौके पर उमरिया वाले बाबा की आमद होती है। मोहर्रम की 7वीं, 8वी और 9वीं पर कम से कम तीन बार बाबा हुजूर की सवारी शहर मे जायरीनो को अपना दीदार कराने निकलती है। वे अपने चाहने वालों मन मांगी मुराद से भी नवाजते हैं। मोहर्रम पर करीब 4 बजे उनकी सवारी इमाम बाड़ा से निकल कर गांधी चौक, जामा मस्जिद से वापस गांधी चौक और करबला शरीफ पहुंच कर रूखसत होती है। बाबा हुजूर के दीदार और उनकी मुराद पाने देश भर से हजारों की तादाद मे लोग पहुंचते हैं। बताया जाता है कि उनकी मुराद ने कईयों की बिगड़ी को बनाने का काम किया है।
हिन्दुओं की भागीदारी
खास बात यह है कि इस्लामिक पर्व होने के बावजूद हुजूर की सवारी हिन्दुओं पर ही आती रही है। कई वर्षो तक बाबा फू ल सिंह को सवारी आती रही, इसके पहले उनके पिता बाबा माधव सिंह पर यह कृपा हुई। बाबा फूल सिंह के चोला छोडऩे के बाद कुछ साल यह सिलसिला टूटा रहा। फिर अचानक एक मोहर्रम पर बाबा सुशील सिंह पर उनकी रहमत हुई। तब से लेकर उन्हीे को सवारी आ रही है। इस पूरे कार्यक्रम मे मुस्लिम समाज से कहीं ज्यादा हिन्दुओं की भागीदारी रहती है।
इस बार नहीं आयेंगे जायरीन
जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण को देखते हुए मोहर्रम कमेटी द्वारा किये गये ऐलान के कारण इस बार जिले और बाहर के जायरीन मोहर्रम पर नहीं आयेंगे। कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया है कि कोविड-19 के कारण सरकार और जिला प्रशासन की गाईड लाईन को ध्यान मे रखते हुए लोगों को लगातार इस बात की समझाईश दी जा रही है, कि वे मोहर्रम पर शहर मे न आयें। घर पर ही बाबा हुजूर की इबादत करें।

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