गुम हुई प्रभु कुंज की आभा

राजकीय सम्मान के साथ हुआ स्वर कोकिला लता का अंतिम संस्कार, भाई और भतीजे ने दी मुखाग्नि 

नईदिल्ली।लता जी ने सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर अंतिम सांस ली और शाम 7 बजकर 16 मिनट पर उन्हें मुखाग्नि दी गई। कोरोना और निमोनिया से 29 दिन लड़ीं, लेकिन कितना लड़तीं… उमर भी तो 92 साल हो चली थी। अंतिम संस्कार मुंबई के शिवाजी पार्क में किया गया। तब तक देश वहीं मौजूद रहा, खड़ा रहा।मुखाग्नि भतीजे आदित्य ने दी, साथ में भाई हृदयनाथ मंगेशकर झुके सिर और नम आंखों से हर वो काम करते रहे, जो आदित्य कर रहे थे। बगल में सबकुछ देखतीं लता ताई की बहनें उषा, आशा और मीना भी मौजूद थीं। बैठी सी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े लोग आए और करीब से श्रद्धांजलि देते गए। बाकी लाखों-करोड़ों लोग दूर से, घरों से, अपने-अपने शहरों से और जिसे जहां जगह मिली, वहां से सब देखते रहे। अपने तरीके से अंतिम प्रणाम करते गए। हर मोबाइल, रेडियो, घर, दुकान, कार, सब जगह लता ही थीं। बोलतीं लता। उनके तमाम गाने गुनगुनाते और दोहराए जाते रहे।

दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित
लता जी के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा यानी देशभर में झंडा आधा झुका रहेगा और किसी भी तरह के जश्न का कार्यक्रम नहीं होगा। महाराष्ट्र सरकार ने लताजी के सम्मान में सोमवार की सार्वजनिक छुट्‌टी और तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को आधे दिन की छुट्टी घोषित कर दी है।

अंतिम यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग
इससे पहले, सेना के जवान लता जी के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर घर से बाहर लाए। इसके बाद आर्मी, नेवी, एयरफोर्स और महाराष्ट्र पुलिस के जवानों ने उनकी अर्थी को कंधा दिया। उनका पार्थिव शरीर फूलों से सजे सेना के ट्रक में रखकर शिवाजी पार्क ले जाया गया। मुंबई के हजारों लोग लता ताई को अंतिम विदाई देने सड़कों पर उतर आए। लता जी की पार्थिव देह दोपहर 1.10 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल से उनके घर पहुंची थी।

सुबह 8.12 बजे अंतिम सांस ली
लता जी की कोरोना रिपोर्ट 8 जनवरी को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि इसके दो दिन बाद यानी 10 जनवरी को इस बारे में सबको पता चला। करीब पांच दिन पहले उनकी सेहत में सुधार होने लगा था। ऑक्सीजन निकाल दी गई थी, पर ICU में ही रखा गया।

प्रभु कुंज की आभा गुम हुई
लता मंगेशकर बहन उषा और भाई हृदयनाथ के साथ मुंबई के पेडर रोड स्थित प्रभुकुंज में पहले फ्लोर पर रहती थीं। सालों तक प्रभाकुंज सोसायटी की सुबह लता मंगेशकर के संगीत के रियाज से ही शुरू होती रही। खराब सेहत के कारण करीब चार साल से उनका रियाज बंद सा हो गया था। नवंबर 2019 में भी लताजी को निमोनिया और सांस की तकलीफ के कारण ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब 28 दिन भर्ती रही थीं। नवंबर 2019 के बाद से उनका घर से निकलना लगभग बंद हो चुका था।

नौकर के पॉजिटिव आने के बाद संक्रमित हुई थीं
लताजी लगभग दो साल से घर से नहीं निकली थीं। वे कभी-कभी सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस के लिए संदेश देती थीं। बढ़ती उम्र और गिरती सेहत के कारण वे ज्यादातर समय अपने कमरे में ही गुजारती थीं। उनके घर के एक स्टाफ मेंबर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनका टेस्ट कराया गया था। 8 जनवरी को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

संगीत की दुनिया के 8 सुरमयी दशक
92 साल की लता जी ने 36 भाषाओं में 50 हजार गाने गाए, जो किसी के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक दौर था, जब लता की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं। 2000 के बाद से उन्होंने फिल्मों में गाना कम कर दिया था। आखिरी गाना 2015 में आई फिल्म डुन्नो वाय में था।

80 साल तक संगीत की दुनिया में सक्रिय लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। 13 साल की छोटी उम्र में 1942 से उन्होंने गाना शुरू कर दिया था। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के बड़े नाम थे। उन्होंने ही लताजी को संगीत की शिक्षा दी थी। पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं।

2001 में मिला था भारत रत्न
लता मंगेशकर को 2001 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। इससे पहले पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान समेत कई सम्मान मिल चुके थे। कम लोग जानते हैं कि लताजी संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म “लेकिन” थी। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड मिला था। 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड पाने वाली वे एकमात्र गायिका हैं। फिल्म “लेकिन” को 5 और नेशनल अवॉर्ड मिले थे।

राष्ट्रपति सहित दिग्गजों राजनेताओं ने जताया शोक
महान गायिका भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर शोक संप्तत देश ने दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मंगेशकर का ९२ वर्ष की आयु में रविवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं। पीएम नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप पर एक ब्लॉग के जरिए लता मंगेशकर के साथ अपनी यादें साझा की हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने गीत से लाखों लोगों के दिलों पर राज किया है। उनका जाना संगीत के एक युग की समाप्ति है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सुरीली आवाज अमर है, जो उनके प्रशंसकों के दिलों में हमेशा गूंजती रहेगी।

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