गांजे की खेप पकड़ी:उज्जैन पुलिस ने 51 लाख का 144 किलो गांजा बरामद किया

उज्जैन। पुलिस को शनिवार शाम को 144 किलो गांजे की खेप बरामद करने में सफलता मिली है। बरामद गांजे की कीमत करीब 51.40 लाख रुपए आंकी जा रही है। पुलिस ने पिता-पुत्र समेत चार गांजा तस्करों को दबोचा है। कोर्ट से रिमांड लेकर तस्करों से पुलिस उनके नेटवर्क को खंगालने का प्रयास करेगी।

एसपी को मुखबिर ने बताया था गांजा की खेप आने वाली है

गांजे की बड़ी खेप पकड़ने में उस समय सफलता मिली जब मुखबिर ने एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल को बताया कि चंदूखेड़ी का संतोष बड़ी मात्रा में गांजा लेकर आ रहा है। जिसे वह जिले में गांजे के छोटे-छोटे तस्करों को सप्लाई करेगा। खबर मिलते ही एसपी ने पुलिस टीम को लगाकर महाकाल थाना क्षेत्र के चंदूखेड़ी इलाके में घेराबंदी कराई। रात करीब आठ बजे एक कार आती दिखाई दी तो पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया। पुलिस को देखते ही चालक ने रफ्तार बढ़ा दी। पुलिस ने उसे घेराबंदी कर दबोच लिया। पूछताछ में चालक की पहचान संतोष पिता रुपसिंह के रूप में हुई। तलाशी में कार से 71 किलो गांजा बरामद हुआ। पुलिस ने जब संतोष से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने खाचरोद में गांजा सप्लाई करना बताया।

संतोष से ही बुलवाया खाचरोद के मदनलाल को

संतोष ने पूछताछ में खाचरोद के मदनलाल धाकड़ को गांजा सप्लाई करना कबूल किया। पुलिस ने संतोष से फोन कराकर मदनलाल को बुलवाया। संतोष ने मदनलाल से कहा कि माल आ गया है। आकर ले जाओ। मदनलाल ने रात में आने में असमर्थतता जताई तो संतोष ने दबाव बनाया। जिस पर मदनलाल अपने बेटे दीपक के साथ आ गया। संतोष ने मदनलाल को 53 किलो गांजे का पैकेट दिया। पैकेट को जैसे ही मदनलाल ने अपनी कार में रखा, पुलिस ने उसे भी रंगेहाथ दबोच लिया। मदनलाल ने पूछताछ में खाचरोद के ही राजेश जायसवाल को गांजा सप्लाई करना स्वीकार किया। संतोष और मदनलाल को लेकर पुलिस ने जब खाचरोद में राजेश के घर दबिश दी तो वहां से 20 किलो गांजा बरामद हुआ। पुलिस को देखते ही राजेश ने भागने की कोशिश की लेकिन पकड़ा गया।

एमपी के बाहर से आया है गांजा

पुलिस ने बताया कि एमपी में गांजा की पैदावार बहुत ही कम होती है। इतनी बड़ी मात्रा में बरामदगी के बाद ऐसा लग रहा है कि गांजा पूर्वी और दक्षिण भारत के राज्यों से सप्लाई हुआ है। तस्करों से पूछताछ में उनके नेटवर्क के बारे में जानकारी होगी।

जेल में बंद गांजा तस्कर का नाम भी आ रहा है

प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि पकड़े गए तस्करों के भैरवगढ़ सेंट्रल जेल में बंद एक गांजा तस्कर से संबंध हैं। पुलिस अब यह भी जानकारी जुटाने में लगी है कि कहीं जेल में बंद तस्कर ने ही इतनी बड़ी मात्रा में गांजा तो नहीं मंगवाया हो। गुंडा अभियान के तहत पुलिस ने हाल ही में उसके तीन मकानों को जमींदोज किया था।

उज्जैन एसटीएफ ने डेढ़ साल पहले पकड़ा था 14 क्विंटल गांजा

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले डेढ़ साल में यह गांजा की दूसरी बड़ी खेप है, जिसे पुलिस ने पकड़ा है। करीब डेढ़ साल पहले उज्जैन एसटीएफ ने नीमच-मंदसौर से 14 क्विंटल गांजा बरामद किया था।

तस्करों की गिरफ्तारी में इन पुलिसकर्मियों की भूमिका

तस्करों की गिरफ्तारी में एसडीओपी अरविंद सिंह, एसआई विक्रम सिंह, एसआई आरके सिंगावत, एसआई केपी शुक्ला, एसआई मोनिका तिवारी, आरक्षक बबलू डागा, नरेंद्र सिंह, रविदास बैरागी, कृष्णदास बैरागी, मुकेश गोयल, राजेंद्र सिंह, अजय चौहान, प्रेमसिंह, दीनदयाल धनगर, शिवानी वर्मा और उम्मेदराम डिगा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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