गहमागहमी के बीच हुआ दयाराम का अंतिम संस्कार

गहमागहमी के बीच हुआ दयाराम का अंतिम संस्कार

मौके पर रहे संभाग और जिले के वरिष्ठ अधिकारी, समझाईश पर माने परिजन  

बांधवभूमि न्यूज रामाभिलाष त्रिपाठी

मध्यप्रदेश, उमरिया

मानपुर। जिला मुख्यालय मे गत 26 सितंबर को गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी के प्रदर्शन के दौरान हुए बवाल के आरोपी दयाराम सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि जेल मे तबियत बिगडने के बाद दयाराम को पहले शहडोल फिर 01 नवंबर को मेडिकल कॉलेज जबलपुर रिफर किया गया। जहां 19 नवंबर को उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। 21 नवंबर, मंगलवार को सुबह शव मृतक के गृहग्राम हिरौली लाया गया। जहां मौजूद शहडोल जोन के एडीजीपी डीसी सागर, कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य, पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू, अतिरिक्त पुलिस महा निरीक्षक शहडोल जोन प्रतिमा मैथ्यू, एसडीएम मानपुर कमलेश पुरी, एसडीओपी नागेन्द्र सिंह ने ग्रामीणों को समझाईश दी। जिसके बाद वे राजी हुए और कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति मे मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद का दर्जा और एक करोड़ की मांग
दयाराम की मौत से ग्रामीणो मे भारी रोष व्याप्त था। उनका कहना था कि मृतक के सांथ अन्याय हुआ है। लिहाजा सरकार दयाराम को शहीद का दर्जा देने के सांथ उसका स्मारक बनवाये और मृतक के एक आश्रित को शासकीय नौकरी तथा एक करोड़ रूपये मुआवजा दिया जाय। जिस पर कलेक्टर बीके वैद्य एवं पुलिस अधीक्षक ने उनसे सकारात्मक चर्चा की। दोनो वरिष्ठ अधिकारियों की सूझबूझ और उनके द्वारा दी गई समझाईश के बाद ग्रामीण संतुष्ट हो गये। थोड़ी ही देर मे पारंपरिक तरीके से दयाराम का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

पुलिस ने दिया था धैर्य का परिचय
गौरतलब है कि विगत 26 सितंबर को गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी द्वारा विभिन्न समस्याओं को लेकर रानी दुर्गावती चौक उमरिया मे एक धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया था। भाषण के बाद अचानक प्रदर्शन उग्र हो उठा। देखते ही देखते पत्थरबाजी होने लगी। करीब दो घंटों तक चले उत्पात के बावजूद पुलिस कर्मियों ने बड़े ही धैर्य के सांथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए नागरिकों के जान, माल एवं शहर की सुरक्षा सुनिश्चित की थी। इस दौरान आंदोलनकारियों ने पुलिस से एक पिस्टल भी छीन ली थी। जिस पर ज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई। बाद मे उक्त पिस्टल बरामद कर ली गई। इस घटना मे साक्ष्य के आधार पर करीब चार दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन्ही मे दयाराम सिंह गोंड पिता सुखलाल सिंह 62 निवासी ग्राम हिरौली थाना मानपुर भी शामिल था। जबकि वारदात के अन्य आरोपी राधेश्याम काकोडिय़ा को गोंगपा ने मानपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है।

देश भर मे रही घटना की चर्चा
शांति का टापू कहे जाने वाले उमरिया मे गोंगपा के प्रदर्शन मे हुई हिंसा ने नसिर्फ पूरे मध्यप्रदेश बल्कि देश भर का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कराया था। इसे लेकर जिले मे तरह-तरह की चर्चायें भी व्याप्त रहीं। सभी का यही मानना था कि जिले का अमन पसंद और धैर्यवान आदिवासी समाज इस तरह उग्र नहीं हो सकता। हलांकि बांधवगढ़ नेशनल पार्क की तराई तथा जिले के आकाश कोट क्षेत्र मे बसे गावों का पिछड़ापन और गरीबी यदाकदा वहां के आदिवासियों मे असंतोष का कारण बनता रहा है। कई वर्षो से यहीं पर कई अलग-अलग संगठन भी सक्रिय रहे हैं। इनमे से कई का मकसद संदिग्ध रहा है। शासन और प्रशासन को नये घटनाक्रम के सांथ ही समूची परिस्थितियों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने की जरूरत है।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *