गणना के पहले दिन मिले 185 गिद्ध

गणना के पहले दिन मिले 185 गिद्ध

बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान के नये क्षेत्रों मे हो रहा पक्षियों का विस्तार, देखी गई दुर्लभ प्रजातियां

बाधवभूमि, रामाभिलाष
मानपुर।
जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ मे शुरू हुई गिद्धों की गणना के पहले दिन 185 पक्षियों को चिन्हित किया गया है। इनमे 164 वयस्क तथा 21 बच्चे शामिल हैं। गणना कार्य के लिये बीटवार कर्मचारियों के दल बनाये गये हैं। इसके अलावा कई बर्ड स्पेस्लिस्ट तथा एनजीओ की टीम भी इस काम  मे लगी हुई हैं। गिद्धों की गिनती मे आधुनिक कैमरों और दूरबीन की मदद ली जा रही है। उल्लेखनीय है कि इसी साल 16, 17 एवं 18 फरवरी को पार्क मे गिद्धों की गणना हुई थी। इससे पहले यह कार्य सर्दियों मे ही होता था, परंतु यह मौका है जब गिद्धों की गणना गर्मियों मे कराई जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि समर सीजन मे गिद्धों की स्थिति का अध्ययन करने यह निर्णय लिया गया है। गणना का यह काम 01 मई को पूर्ण होगा, जिसके बाद आंकडों को जारी किया जायेगा।

पहली बार धमोखर और पनपथा बफर मे दिखे गिद्धराज
गणना के पहले दिन कई नई चीजें निकल कर सामने आई हैं। जिनमे मुख्य रूप से पक्षीराज परिवार का उद्यान के नये इलाकों मे विस्तार होना है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अभी तक यह जीव मूल रूप से ताला, मगधी, पनपथा कोर, पतौर आदि परिक्षेत्रों तक ही सीमित थे, परंतु गणना के पहले दिन धमोखर और पनपथा बफर मे भी गिद्ध और उनके आशियाने देखे गये हैं। सर्दियों के समय हुई गणना के दौरान पूरे पार्क मे 242 गिद्ध पाये गये थे, लेकिन इस बार पहले ही दिन 185 गिद्ध मिले हैं। जबकि गणना के दो दिन अभी बाकी हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है, इस बार इनकी तादाद मे बडा इजाफा देखा जा सकता है।

देखी गई दुर्लभ प्रजातियां
राष्ट्रीय उद्यान मे चल रही गणना के दौरान जगल मे स्थित पेडों, चट्टानो, झिरियों तथा अन्य स्थानो मे बने घोंसलों को चिन्हित किया गया। सांथ ही इन स्थानो पर बैठे गिद्धों की अलग-अलग गिनती कर उनकी विशिष्ट पहचान के सांथ संख्या निर्धारित प्रपत्र मे दर्ज की जा रही है। पहले दिन पार्क क्षेत्र मे पक्षियों की विभिन्न दुर्लभ प्रजातियां मिली हैं। इनमे देशी गिद्ध, राज गिद्ध, हिमालयन गिद्ध, यूरेशियन गिद्ध, सिनेरियस गिद्ध, समर गिद्ध, सफेद पांव वाला गिद्ध, लाल मुकुट गिद्ध, काला गिद्ध, पीली चोंच वाला गिद्ध, इजिप्शियन गिद्ध, इण्डियन लांग विल्ड गिद्ध आदि शामिल हैं।

पहली बार गर्मियों मे गणना
अब तक सर्दियों के दौरान ही गिद्धों की गणना कराई जाती थी, पहली बार गर्मियों मे यह कार्य हो रहा है। इसके पीछे का मकसद मौसम मे परिवर्तन के बाद पक्षियों के रहन सहन और उनके स्वभाव मे आने वाले अंतर का अध्ययन करना है।
पीके वर्मा
उप संचालक
बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान

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