खाना नहीं बनाने पर पत्नी को किया था आग के हवाले
द्वितीय अपर सत्र न्यायालय ने अपराधी को सुनाई आजीवन कारावास और अर्थदण्ड की सजा
उमरिया। जिला न्यायालय की द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री अशरफ अली ने पत्नी को जला कर मारने के मामले मे अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दिनांक 22 जून 2017 को आरोपी दयाराम रैदास के चाचा की पुत्री का विवाह था। दूसरे दिन 23 जून को बारात विदा होने के बाद शराब की पार्टी हुई। इसी दौरान दयाराम ने अपनी पत्नी लक्ष्मी रैदास को रिश्तेदारों के लिये खाना बनाने को कहा। खाना बनाने व मायके जाने की बाात को लेकर उसका पत्नि के सांथ विवाद होने लगा। तभी आरोपी दयाराम ने लक्ष्मी पर मिट्टी तेल डाल कर माचिस से आग लगा दी। इस घटना मे श्रीमती लक्ष्मी रैदास बुरी तरह झुलस गई, जिसे आनन-फानन मे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा वहां से जिला चिकित्सालय उमरिया रेफर किया गया। जहां उपचार के दौरान 2 जुलाई 2017 को उसकी मौत हो गयी।
प्रस्तुत किया गया चालान
घटना की सूचना पर पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध धारा 302 का अपराध कायम कर जांच शुरू की। स्थल का नक्शा, पंचायतनामा की कार्यवाही के उपरांत मृतिका के शव का पीएम कराया गया। घटना स्थल से प्लास्टिक का डिब्बा, माचिस, चूंडियों के टुकड़े, काले रंग का बैग, फर्श की जमीन के ऊपरी हिस्से की मिट्टी जप्त की गई। सभी वस्तुओं को राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर भेज कर रासायनिक जांच कराई गई। इसके अलावा मृतिका की माता तथा अन्य गवाहों के कथन आदि संपूर्ण अनुसंधान पूर्ण कर अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया।
अर्थदण्ड का भी दण्डादेश
प्रकरण का सूक्ष्म परिशीलन करने के उपरांत दोष सिद्ध पाये जाने पर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री अशरफ अली द्वारा आरोपी दयाराम रैदास को भादंसं की धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास तथा 3000 रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गयी। उक्त प्रकरण मे अभियोजन की ओर से प्रभावी संचालन एवं सशक्त पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी अर्चना मरावी के मार्गदर्शन मे श्रीमती रचना गौतम द्वारा की गयी।
आरोपी को न्यायालय उठने तक के कारावास की सजा
बिरसिंहपुर पाली/तपस गुप्ता। व्यवहार न्यायालय न्यायालय पाली के पीठासीन न्यायाधीश प्रथम श्रेणी श्री राकेश कुमार मरावी ने अभियुक्त जगदीश बैगा को 323 भदावि अपराध के आरोप मे दोषी पाये जाने पर न्यायालय उठने तक के कारावास तथा तीन सौ रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। बताया गया है कि विगत 7 मार्च 2003 को फ रियादी सीता बाई निवासी मालाचुआ के सांथ ससुर जगदीश बैगा द्वारा गाली गालौच व मारपीट की गई थी।