कोरोना संकट काल में केंद्रीय कर्मचारियों की दीवाली, डीए 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी हुआ

तीनों किस्त मिलने के बाद कुल डीए बढ़कर 28 फीसदी होगा
नई दिल्ली। लंबे समय से महंगाई भत्ते (डीए) का इंतजार कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों को बुधवार को मोदी सरकार की ओर से अच्छी खबर मिली है। मोदी सरकार ने डीए/डीआर पर लगी रोक हटाने का फैसला किया है। डीए और डीआर 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी किया गया है। इससे 60 लाख पेंशनर्स और 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसका फैसला हुआ। कोविड-19 के कारण सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के डीए और पेंशनर्स के महंगाई राहत पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब इस बहाल कर दिया गया है। यह 1 जुलाई 2021 से लागू होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी देकर कहा कि सरकार ने डीए 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी करने का फैसला किया है। इससे सरकारी खजाने पर हर साल 34,401 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। कोरोना की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किस्त पर रोक लगाई गई थी। तीनों किस्त मिलने के बाद कुल डीए बढ़कर 28 फीसदी होगा।केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 17 प्रतिशत डीए मिलता है। लेकिन, पिछली तीन किस्त को जोड़कर यह 28 फीसदी होगा। जनवरी 2020 में डीए 4 फीसदी बढ़ा था, फिर जून 2020 में 3 फीसदी बढ़ा और जनवरी 2021 में यह 4 फीसदी बढ़ा है। अब इन तीनों किस्तों का भुगतान होना है। कोरोना की वजह से वित्त मंत्रालय ने जून 2021 तक 50 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 60 लाख से अधिक पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत में वृद्धि पर रोक लगाने पर सहमति व्यक्त की थी। महंगाई भत्ता वेतन का एक हिस्सा है। यह कर्मचारी के मूल वेतन का एक निश्चित हिस्सा होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान करती है। इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता है। पेंशनर्स को महंगाई राहत भी इसका लाभ मिलता है। डीए की गणना के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।

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