मार्च में रिटेल महंगाई दर बढ़कर 5.52 प्रतिशत हुई, फरवरी में फैक्ट्री उत्पादन 3.6 प्रतिशत घटा
नई दिल्ली। देश की रिटेल महंगाई मापने वाला इंडेक्स कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स मार्च में 5.52 प्रतिशत रहा, जो फरवरी में 5.03 प्रतिशत था। यह आंकड़ा सरकार ने सोमवार को जारी किया। हालांकि महंगाई दर रिजर्व बैंक द्वारा तय 2-6 प्रतिशत की रेंज में ही है। आरबीआई ने इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में महंगाई दर 5.2 प्रतिशत तक जाने का अनुमान दिया है। खाद्य महंगाई दर भी 3.87 प्रतिशत से बढ़कर 4.94 प्रतिशत हो गई है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का असर सब्जियों के दामों पर भी पड़ा। इसकी महंगाई दर -6.27 प्रतिशत से बढ़कर -4.83 प्रतिशत रही। वहीं, फ्यूल और बिजली महंगाई दर 3.53 प्रतिशत से बढ़कर 4.50 प्रतिशत हो गई है।
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन भी घटा
सोमवार को ही फरवरी में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़े भी जारी हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी आईपीपी गिरकर 3.6 प्रतिशत रहा। यह जनवरी में भी 1.6 प्रतिशत नीचे था। कमजोर प्रोडक्शन की मुख्य वजह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुस्ती है। सेक्टर में प्रोडक्शन 3.7 प्रतिशत गिरा है। यह जनवरी में 2 प्रतिशत ही था। अगर हम पिछले साल अप्रैल से इस साल फरवरी तक के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन पर नजर डालें तो यह 11.3 प्रतिशत नीचे आ गया है।
कोरोना और महंगे पेट्रोल-डीजल ने बढ़ाई चिंता
Advertisements
Advertisements