कैमरे लगाकर हो रही बाघिन की सर्चिंग

तलाशी जा रही गोहड़ी बीट मे पाये गये मृत शावकों की मां
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला रेंज के गोहड़ी बीट मे जिन दो शावकों की मौत उनकी आंख खुलने से भी पहले हुई है दरअसल उन्हें बाघिन मां ने अकेला छोड़ दिया था और भूखे होने के कारण वे मर गए। उनके शव उस गुफाओं के बाहर पाए गए थे जहां उनका जन्म हुआ था। यह संभावना जताई जा रही है कि शावकों के जन्म के दूसरे-तीसरे दिन बाघिन ने उनके लिए कोई अन्य सुरक्षित स्थान देखा होगा जहां उन्हें शिफ्ट करने के लिए गुफाओं से निकाला होगा और फिर उन्हें वहां पहुंचाया नहीं। इन शावकों को बाघिन द्वारा छोड़ देने के पीछे तीन कारणों के होने पर विभाग ने चर्चा की है और उसी के अनुसार मामले की जांच भी की जा रही है।
यह हैं थ्यौरी
पहली संभावना यह थी कि बाघिन अपने बच्चों को कहीं अन्यत्र शिफ्ट कर रही थी और इन दो शावकों को ले जाने मे किन्हीं कारणों से उसने देरी की जिससे शावकों की भूख से मौत हो गई होगी। इस संभावना पर वन विभाग काम भी कर रहा है और कैमरे लगाकर यह पता करने की कोशिश की जा रही है कि क्या कुछ और शावक भी बाधिन के साथ थे जिन्हें अन्यत्र वह शिफ्ट कर चुकी होगी। अक्सर बाघिन अपने स्वस्थ्य बच्चों को तो अपने साथ रखती है पर जो बच्चे कमजोर और बीमार होते हैं उन्हें वह छोड़ देती है और पूरा ध्यान स्वस्थ्य बच्चों पर ही लगाती है। इस मामले मे भी ऐसा हुआ हो सकता है कि मरने वाले दोनों मादा शावक कमजोर और बीमार रहे होंगे जिसकी वजह से बाघिन ने उन्हें गुफाओं  के बाहर लाकर छोड़ दिया होगा। तीसरी संभावना यह व्यक्त की जा रही है कि मरने वाले शावक किसी ऐसी बाघिन के बच्चे थे जिसने पहली बार बच्चोंं को जन्म दिया होगा। अक्सर पहली और दूसरी बार बच्चों को जन्म देने के बाद बाघिन उनकी देखभाल नहीं कर पाती। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसे तब तक बच्चों को पालने का अनुभव नहीं हो पाता और वह उन्हें अकेला छोड़कर शिकार पर निकल जाती है। इस मामले में ऐसा होने की संभावना इसलिए ज्यादा व्यक्त की जा रही है क्योंकि शावकों की मौत के बाद बाघिन के वापस गुफाओं के पास आने के संकेत मिले हैं और उसकी आवाज भी सुनाई दे रही थी।
गुफाओं के आसपास बाघिन
दोनों शावकों को सबसे पहले शुक्रवार की शाम को गोहड़ी बीट मे गुफाओं के बाहर देखा गया था। उस समय तक एक शावक की मौत हो चुकी थी जबकि दूसरा शावक जीवित था। विशेषज्ञों की सलाह पर रात को शावकों को इसलिए नहीं उठाया गया क्योंकि बाघिन के आसपास होने की पूरी संभवना थी और यह समझा जा रहा था कि बाघिन वापस आकर अपने बच्चों को संभालेगी। दूसरे दिन शनिवार को ऐसा होने के संकेत भी मिले। दूसरे दिन दूसरे शावक की भी मौत हो चुकी थी और मौके पर बाघिन के पगमार्क भी मिले। इससे साफ हो गया कि बाघिन रात में वहां आई थी।
सर्चिंग के लिए लगाए कैमरे
अभी यह तय नहीं हो पाया है कि मृत शावक किस बाघिन के हैं और उस बाघिन के सिर्फ यही दो शावक थे या फि र कुछ और शावक भी थे। इसका पता लगाने के लिए उस पूरे क्षेत्र मे कैमरे लगाए गए हैं ताकि बाघिन को सर्च किया जा सके। इस बारे मे जानकारी देते हुए बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के
फ ील्ड डायरेक्टर विंसेट रहीम ने बताया कि बाघिन ने जहां शावकों को जन्म दिया था वह बेहद दुर्गम स्थल है और वहां सर्चिंग करना आसान काम नहीं है।
इनका कहना है
या तो बाघिन ने पहली बार बच्चों को जन्म दिया था जिसकी वजह से उसने इन पर ध्यान नहीं दिया या फि र शावक कमजोर थे इसलिए उसने उन्हें छोड़ा होगा या फि र शिफ्टिंग के दौरान बाघिन ने कुछ ज्यादा देरी की जिससे शावक मर गए होंगे। इस पूरे मामले को अलग-अलग तरीके से समझने की कोशिश की जा रही है।
विंसेंट रहीम, एफ डी बांधवगढ़

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