नई दिल्ली । निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए राजनीतिक आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार कर रही है। इसमें शीर्ष अदालत से राज्याें की ओर से उसके निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट कराने तक निकाय चुनावों के लिए ओबीसी आरक्षण की अनुमति देने की मांग की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के निकाय चुनावों में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने का आदेश दिया था।सामाजिक न्याय एवं सहकारिता मंत्रालय ने सोमवार देर रात दिए बयान में कहा, राज्यों को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई व्यवस्था को मानना होगा। साथ ही निकाय चुनावों में आरक्षण नीति के लिए संविधान में दिए प्रावधानों का पालन करना होगा। केंद्र सरकार भी इसको लेकर गंभीर है और पंचायती राज मंत्रालय, संसदीय मामलों के मंत्रालय, विधि मामलों के विभाग और गृहमंत्रालय समेत अन्य हितधारकों से चर्चा जारी है।इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी, जिसमें ट्रिपल टेस्ट होने तक निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को मंजूरी देने की मांग की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के राज्य निर्वाचन आयोग को ओबीसी के लिए आरक्षित की गई 27 फीसदी सीटों को सामान्य श्रेणी का बताते हुए अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है। मध्यप्रदेश सरकार को भी ओबीसी आरक्षित सीटों पर चुनाव रोककर इसे सामान्य श्रेणी के लिए अधिसूचित करने का निर्देश दिया है।
ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव जनता के साथ होगा अन्याय: उमा भारती
वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने सोमवार को दावा किया कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव कराना राज्य की 70 फीसदी जनता के साथ अन्याय होगा। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान से ओबीसी को चुनाव प्रक्रिया में शामिल करने का रास्ता तलाशने की अपील की है।