नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण विषय पर आयोजित मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देश आतंकियों का बचाव कर उन्हें पनाह देते हैं। किसी आतंकवादी को संरक्षण देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के समान है। हमें इसतरह के दशों को उनके इरादों में सफल होने से रोकना होगा। केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि आतंकवाद नि:संदेह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है, लेकिन आतंकवाद का वित्त पोषण, आतंकवाद से कहीं ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि आतंकवाद के मेथड को इसी फंड से पोषित किया जाता है। भारत, आतंकवाद के सभी रूपों और प्रकारों की घोर निंदा करता है। भारत का मानना है कि निर्दोष लोगों की जान लेने जैसे कृत्य को उचित ठहराने का कोई भी कारण स्वीकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि आतंकवाद के खतरे को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता और न ही जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल कम्युनिटी का एक कलेक्टिव अप्रोच है कि आतंक के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए। लेकिन तकनीकी क्रांति से आज आतंकवाद के रूप और प्रकार निरंतर बदल रहे हैं, ये हमारे लिए चुनौती है। भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है। सेना और आम नागरिकों को निरंतर सीमा पार से प्रायोजित गंभीर आतंकी हिंसा की घटनाओं से जूझना पड़ा है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ देश हैं, जो आतंकवाद से लड़ने के लिए हमारे सामूहिक प्रयास को कमजोर और नष्ट करना चाहते हैं।
कुछ देश आंतक के खिलाफ लड़ाई को कमजोर कर रहे: अमित शाह
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