कहीं रेल पटरी पर धरना, कहीं पैदल चलने को मजबूर, भारत बंद का शहर-शहर असर
नई दिल्ली (ईएमएस)। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने शुक्रवार को भारत बंद बुलाया था। भारत बंद का सबसे अधिक असर पंजाब, हरियाणा और बिहार में देखने को मिला। इस बार दिल्ली में बंद का असर नहीं दिखा, लेकिन दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर जरूर बंद रहे। इस वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आंदोलन के चार महीने होने पर किसानों का शुक्रवार का भारत बंद रहा। इसके साथ बिहार में विपक्ष ने विधानसभा में बदसलूकी मामले को लेकर बिहार बंद बुलाया था। सुबह से बिहार के कई शहरों में हंगामा भी हुआ। कई जगह टायर फूंककर हाइवे रोके गए। हाजीपुर, बेगूसराय, दरभंगा, आरा में आरजेडी कार्यकर्ताओं ने शहरों की रफ्तार रोक दी। हाजीपुर में जमकर हंगामा हुआ। हाइवे पर आरजेडी के विधायक ट्रैक्टरों के साथ उतर आए। आरजेडी का ज्यादा गुस्सा विधानसभा में विधायकों की पिटाई को लेकर था। बेगूसराय में भी सुबह से ही आरजेडी कार्यकर्ताओं ने एनएच 31 को जाम कर दिया।
रेल की पटरियों पर किसानों का कब्जा
किसानों के भारत बंद का सबसे ज्यादा असर हरियाणा और पंजाब में दिखा। सोनीपत में उनकी गांव वालों से झड़प भी हुई। अमृतसर से अंबाला तक किसानों ने सुबह से रेल की पटरियों पर कब्जा जमा रखा। हाइवे भी ठप रहा। पंजाब और हरियाणा के सभी शहरों, गांवों और कस्बों में किसानों ने प्रदर्शन किया। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर की एक लेन कुछ रोज पहले ही खुली थी और किसान आंदोलन से कुछ राहत मिलती दिखी थी, लेकिन भारत बंद में गाजीपुर बॉर्डर से गुजरने वालों के लिए फिर परेशानी भरा दिन था। सबसे बड़ी परेशानी गाजीपुर बार्डर पर ही हुई, जिसकी दोनों लेन फिर बंद कर दी गई।
किसानों के भारत बंद में पटना से लेकर अमृतसर तक प्रदर्शन
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