किसानो ने नामंजूर की सरकार की पेशकश

कृषि कानूनों की वापसी से कम कुछ मंजूर नहीं

नई दिल्ली। किसानों ने कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक टालने की सरकार की पेशकश खारिज कर दी है। टीकरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की गुरुवार को हुई बैठक में ये फैसला लिया गया। मोर्चा की फुल जनरल बॉडी मीटिंग में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी जामा पहनाने की मांग दोहराई गई।बैठक के बाद किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा, ‘सरकार जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, उसका कोई भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जाएगा। कल हम सरकार को कहेंगे कि इन कानूनों को वापस कराना और MSP पर कानूनी अधिकार लेना ही हमारा लक्ष्य है। हमने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है।’ सरकार ने बुधवार को किसानों के साथ 11वें दौर की बातचीत में नए कानून डेढ़ साल तक लागू न करने की पेशकश की थी।

सरकार ने दिए थे किसानों को दो प्रपोजल
किसानों के साथ 11वें राउंड की बातचीत 20 जनवरी को हुई थी। केंद्र ने इस बैठक में किसान नेताओं को दो प्रपोजल दिए। केंद्र ने किसानों के सामने प्रस्ताव रखा कि डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नहीं किए जाएंगे और वो इस संबंध में एक हलफनामा कोर्ट में पेश करने को तैयार है। इसके अलावा MSP पर बातचीत के लिए नई कमेटी का गठन किया जाएगा।

कृषि मंत्री ने जताई थी समाधान की उम्मीद
इस बैठक के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था, ‘मुझे लगता है 22 तारीख को समाधान की संभावना है। हमने किसानों को प्रस्ताव इसलिए दिया है, क्योंकि आंदोलन खत्म हो और जो किसान कष्ट में हैं, वो अपने घर जाएं।’

किसानों ने NIA की कार्रवाई पर ऐतराज जताया था
11वें राउंड की बैठक के दौरान किसानों ने कहा था कि सरकार हमारी प्रमुख मांगों पर कोई बातचीत नहीं कर रही है। MSP को लेकर हमने चर्चा की बात कही तो केंद्र ने कानूनों का मुद्दा छेड़ दिया। किसान नेताओं ने आंदोलन से जुड़े लोगों को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की तरफ से नोटिस भेजने का भी विरोध किया था। संगठनों ने कहा कि NIA का इस्तेमाल किसानों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *