किसान आंदोलन में आठवें दौर की बैठक भी बेनतीजा

सरकार ने कहा, सुप्रीम कोर्ट फैसला करें तब बेहतर
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों और मोदी सरकार के बीच शुक्रवार को एक और दौर की बातचीत हुई। लेकिन शुक्रवार को हुई बैठक भी बेनतीजा रही। मोदी सरकार और किसान अपने-अपने रुख पर अड़े हैं। सरकार ने शुक्रवार की बैठक में साफ कर दिया कि वहां कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। वहीं किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। वहीं सरकार और किसान नेताओं के बीच 15 जनवरी को अगली बैठक होगी। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार की बैठक में सरकार ने किसानों से कहा कि अब फैसला सुप्रीम कोर्ट करे तब बेहतर है। सरकार और किसानों के बीच अब तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रही। रास्ता न निकलते देख सरकार ने किसानों से ये बात कही। बैठक के बाद किसान नेता हनान मुला ने कहा कि हम कानून वापसी के अलावा कुछ और नहीं चाहते। हम कोर्ट नहीं जाएंगे। कानून वापस होने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं। हमारे लोकतंत्र में राज्य सभा और लोकसभा से कोई कानून पास होता,तब उसका विश्लेषण करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट का है। सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर सुनवाई भी हो रही है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की बैठक में कृषि कानूनों पर चर्चा हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। सरकार ने आग्रह किया कि यदि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प दें तब हम इस पर विचार करें, लेकिन कोई विकल्प प्रस्तुत नहीं किया जा सका। कृषि मंत्री ने कहा कि आज की बैठक संपन्न हुई और 15 जनवरी को अगली बैठक आयोजित करने का निर्णय हुआ। उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम 15 जनवरी को बैठक के लिए फिर आएंगे। हम कहीं नहीं जा रहे। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार संशोधन चाहती है। लेकिन हमारी सिर्फ एक मांग है कि सरकार तीनों कानूनों को वापस ले।
उम्मीद है कि अगली बैठक में हल निकलेगा
किसान संगठनों और मोदी सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत दोनों पक्षों के अपने-अपने रुख पर अड़े रहने के कारण शुक्रवार को फिर बेनतीजा रही। दोनों पक्ष हालांकि 15 जनवरी को फिर बातचीत करने पर राजी हो गए। सरकार ने साफ कहा है कि कानूनों को वापस लेना संभव नहीं है। वहीं किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उम्मीद है कि अगली बैठक में हल निकलेगा। आज किसान यूनियन के साथ तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा होती रही परन्तु कोई समाधान नहीं निकला। सरकार की तरफ से कहा गया कि कानूनों को वापिस लेने के अलावा कोई विकल्प दिया जाए, परन्तु कोई विकल्प नहीं मिला।

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