कागजों पर बने 400 शौचालय

कागजों पर बने 400 शौचालय
ग्राम पंचायत कल्दा मे लाखों का घोटाला, तीन महीनो से लटकी पड़ी है जांच
उमरिया। एक ओर सरकार गावों को खुले मे शौच से मुक्त कराने के लिये एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। इसके लिये स्वच्छ भारत अभियान जैसी योजनायें संचालित की जा रही हैं, जिन पर करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाये जा रहे हैं। इसके बावजूद भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों और उन्हे संरक्षण देने वाले अधिकारियों की वजह से तस्वीर बदलने का नाम नहीं ले रही है। और तो और मामला संज्ञान मे लाये जाने के बाद भी कार्यवाही तो दूर ऐसे लोगों को संरक्षण देने का काम किया जा रहा है। जिले के जनपद करकेली अंतर्गत ग्राम पंचायत कल्दा मे हुआ भ्रष्टाचार खुद इसकी गवाही दे रहा है, जहां तीन साल पहले बिना निर्माण कराये 400 से ज्यादा शौचालयों का पैसा आहरित कर लिया गया। इसे लेकर हितग्राहियों ने कई शिकायतें की। जिम्मेदार अधिकारियों ने दिखावे के लिये मामले की जांच तो कराई, पर कार्यवाही के नाम पर आज तक कुछ नहीं हो सका।्र
कहीं दीवाल, तो कहीं सीट
जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत कल्दा की तत्कालीन संरपंच उमादेवी जाटव के कार्यकाल मे ग्राम कल्दा, अगासी खोह, इशनपुरा, झीमा, बैरनटोला और टकटई मे करीब 441 हितग्राहियों के यहां शौचालय बनाने का कार्य शुरू किया गया था। हितग्राहियों ने बताया कि काम के नाम पर किसी के यहां दीवाल तो कहीं केवल सीट लगवाई गई जबकि पैसा पूरा निकाल लिया गया। इस तरह से शौचालय निर्माण के नाम पर करीब 52 लाख रूपये का घोटाला किया गया है।
मृतकों के नाम पर भी धांंघली
ग्राम पंचायत के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने जिंदा तो ठीक मृत हितग्राहियों को भी नहीं छोड़ा। इस संबंध मे प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार हितग्राहियों की सूची मे 4 नाम ऐसे भी हैं, जो वर्ष 2016 मे परलोक सिधार चुके हैं। पैसा खाते से निकल जाने की खबर मिलने के बाद उनके परिजनो ने भी शिकायतें कीं लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हुई।
क्यों नहीं हो रही कार्यवाही
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया है कि उमादेवी के कार्यकाल मे करोड़ों रूपये का हेरफेर हुआ है। इस दौरान टकटई मे पुलिया, स्टापडेम, सामुदायिक भवन, सीसी रोड सरीखे कई कामो के नाम पर पैसा आया। ये सभी काम आज भी अधूरे पड़े हुए हैं परंतु राशि का आहरण कर लिया गया है। यह समझना मुश्किल है कि जनता के सांथ हुए इतने बड़े छलावे और फर्जीवाड़े की शिकायत सामने आने के बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है।
जिला पंचायत को करनी है कार्यवाही
सीईओ जिला पंचायत ने इस प्रकरण की जांच जिला समन्वयक मनीषा कांड्रा से कराई है, अब कार्यवाही वहीं से होनी है।
आरके मण्डावी
सीईओ करकेली

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