कांस्टेबल भर्ती पर सर्वर का अड़ंगा

रोजगार पंजीयन बंद होने से नहीं भर पा रहे फार्म, वंचित होंगे कई अभ्यर्थी
उमरिया। मप्र सरकार द्वारा पुलिस कांस्टेबलों के लिये निकाली गई भतिर्यों ने बेरोजगार घूम रहे युवाओं के लिये उम्मीद तो जगा दी है परंतु पोर्टल की गड़बड़ी के चलते इसके लिये जरूरी दस्तावेज नहीं जुट पा रहे हैं। यदि हालत यही रही तो अधिकांश युवा फार्म ही नहीं भर पायेंगे और यह मौका बेकार चला जायेगा। गौरतलब है कि राज्य मे 4000 कांस्टेबलों की भर्ती हेतु आवदेन गत 16 जनवरी से 30 जनवरी 21 तक भरे जाने हैं, इसमे अन्य दस्तावेजों के अलावा रोजगार पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है। जिसका पोर्टल पहले दिन से ही बंद है लिहाजा, फार्म नहीं भरे जा पा रहे हैं। आवेदन की अंतिम तिथि मे अब केवल 8 रोज बाकी रह गये हैं, जिसके कारण अभ्यर्थी परेशान हो कर यहां से वहां भटक रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है।
प्रायवेट कम्पनी के हाथ मे पोर्टल
जानकारों का मानना है कि बगैर रोजगार कार्ड के कांस्टेबल भर्ती का फार्म स्वीकार्य नहीं है। रोजगार पंजीयन का कार्य ऑन लाईन किया जाना है। इस पोर्टल का संचालन एक निजी कम्पनी एकेडमी फॉर टेलेन्ट मैनेजमेंट के हांथ मे है। बीते करीब 7 दिनो से पोर्टल ठप्प पड़ा है जिससे रोजगार पंजीयन की कार्यवाही नहीं हो रही है। यदि जल्दी ही पोर्टल शुरू नहीं हुआ तो अभ्यर्थियों की भीड़ बढ़ती जायेगी और अंतिम तारीखों मे कई लोगों के फार्म नहीं भरे जा सकेंगे।
कहीं साजिश तो नहीं
बेरोजगार युवाओं को ऐन मौके पर पोर्टल बंद होने के पीछे कोई सोची-समझी साजिश नजर आ रही है। उनका कहना है कि इस भर्ती मे लाखों लोगों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये जाने की संभावना है पर जब दस्तावेज समय पर उपलब्ध ही नहीं होंगे तो यह कैसे संभव हो सकेगा। उनका आरोप है कि निजी कम्पनी युवाओं को भर्ती प्रक्रिया से ही बाहर रखना चाहती है। कार्यवाही न होने से खफा युवाओं का तो यहां तक कहना है कि एक तरफ सरकार भर्तियों का झुनझुना दिखा रही है तो दूसरी तरफ निजी कम्पनी उन्हे फार्म भरने से ही वंचित कर रही है।
पोर्टल निजी कम्पनी को ही क्यों
युवाओं की आपत्ति इस बात को लेकर भी है कि इतना महत्वपूर्ण पोर्टल आखिर एक निजी कम्पनी को क्यों सौंपा गया है। जबकि शासन के पास एनआईसी जैसी खुद की संस्थायें मौजूद हैं। उनका मानना है कि यह सारी खुराफात निजी कम्पनियों के इशारे पर हो रही है। उन्होने सरकार और जिला प्रशासन से तत्काल इस संबंध मे ठोस पहल कर तत्काल पोर्टल चालू कराने अथवा वैकल्पि व्यवस्था की मांग की है।

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