नई दिल्ली। अडाणी-हिंडनबर्ग मामले और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने को लेकर बजट सत्र के आखिरी दिन विपक्षी दलों ने संसद भवन से विजय चौक तक तिरंगे झंडे के साथ मार्च निकाला। मार्च का नेतृत्व राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया। मार्च में अन्य सांसदों के साथ यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी हिस्सा लिया। मार्च को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने कहा, लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से लड़ना हमारा काम है। सरकार अगर नहीं मानती है, तब ये हठधर्मी है। सरकार को हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए, प्रतिक्रिया देनी चाहिए। अगर आप लोकतंत्र को जिंदा रखना चाहते हैं, तब विपक्ष की बात सुननी चाहिए। वहीं कांग्रेस सांसद और पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, सरकार खुद संसद नहीं चलने दे रही है। वे अडानी घोटाले पर चर्चा क्यों नहीं करना चाहते? कांग्रेस सत्र शुरू होने के दिन से ही अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को लेकर सरकार पर हमलावर है। विपक्षी एकजुटता दर्शाने के लिए मोदी सरकार की नीतियों के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराने के लिए तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने तिरंगा लेकर निकाला मार्च
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