किसानो पर कसा आयकर विभाग का शिकंजा
गृहिणियों की बचत पर भी वकृदृष्टि, मुश्किल होता जा रहा आम आदमी का जीवन-यापन
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
टेक्स के प्रहार से परेशान आम आदमी के लिये आयकर विभाग के नियम लगातार मुश्किलें खडी करते जा रहे है। अब विभाग ने किसानो और गृहणियों पर भी शिकंजा कस दिया है। जानकारी के मुताबिक कोई भी किसान यदि बैंक से साल मे 20 लाख रूपये या उससे अधिक नगद राशि निकलवाता है तो खाते से अपने आप 2 प्रतिशत अर्थात 40 हजार रूपये टीडीएस काट लिया जायेगा, अथवा उसे यह राशि जमा करनी होगी। यही हाल गृहणियों का है। अभी तक महिलाओं को एफडीआर के ब्याज पर कोई टेक्स नहीं देना पडता था, पर अब उसे ब्याज का 10 प्रतिशत इंकम टेक्स को भेंट चढाना होगा। सरकार का यह निर्णय पग-पग पर टेक्स और भीषण मंहगाई की मार सहने वाले आम आदमी के लिये किसी मुसीबत से कम नहीं है। इतना ही नहीं कोई महिला यदि अपनी बचत की हुई राशि किसी व्यापारी को देती है, तो संबंधित व्यक्ति उसे 12 प्रतिशत ब्याज तो देगा, लेकिन उसे ब्याज की राशि का 10 प्रतिशत काट कर टीडीएस के रूप मे आयकर विभाग के खाते मे जमा करना होगा।
पड़ रहा व्यापार पर असर:कीर्ति
इधर व्यापारी संगठन अब देश की कर प्रणाली पर ही सवाल उठा रहे हैं। जिले के व्यापारिक संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इण्डिया ट्रेडर्स कैट केे जिलाध्यक्ष कीर्ति कुमार सोनी ने बताया कि शासन के फैंसलों से मंहगाई बढ रही है, वहीं लोगों की क्रय शक्ति कमजोर होती जा रही है। श्री सोनी ने कहा कि कारोबारियों को ट्रांसपोर्टिग, मजदूरी समेत कई प्रकार के खर्चो के लिये रोजाना नगदी की जरूरत पडती है। इसी तरह किसानो को खाद, बीज और खेती के लिये कैश लगता रहता है। जबकि बैंकों से नगदी निकालते ही किसानो, महिलाओं और व्यापरियों का टीडएस कट जाता है, फिर उसे सेटल करने के लिये खासी मशक्कत करनी पडती है। इसका दुष्प्रभाव कारोबार के सांथ ही हर व्यक्ति पर पड रहा है। सरकार ने कई साल पहले जनता से एक राष्ट्र-एक कर का वादा किया था, परंतु अभी भी बहु कर प्रणाली चल रही है।
बिना जानकारी के कट जाता है पैसा
गौरतलब है कि इससे पहले तक कर और शुल्क के संबंध मे हर प्रकार की जानकारी लोगों को आम बजट के दौरान ही मिल जाती थी, परंतु कुछ वर्षो से देश मे नया चलन शुरू हुआ है। अब कई प्रकार की कटौती और शुल्क बिना किसी घोषणा के ही होने लगी है। ताज्जुब है कि यह क्रम साल भर चलता रहता है। लगभग सभी सरकारी व निजी बैंक मनमाने तौर पर ग्रांहकों को लूट रहे हैं। उनके द्वारा खातों से मिनिमम बैलेंस, एसएमएस सुविधा, प्रोसीडिंग फीस के अलावा एटीएम रिन्यूवल तथा नगद राशि की निकासी के नाम पर हर साल हजारों रूपये काट लिये जाते हैं।
इतने प्रकार के कर
कर प्रणाली पर पैनी नजर रखते वाले सूत्रों का दावा है कि भारत के नागरिक अपनी सरकार को दुनिया मे सबसे ज्यादा टेक्स देते हैं। उन्होने बताया कि वर्तमान मे सरकार जनता से प्रत्यक्ष कर के रूप मे आयकर, कॉर्पोरेट, टैक्स कैपिटल गेन टैक्स, संपत्ति कर, विरासत कर, प्रॉपर्टी टैक्स तथा व्यावसायिक कर वसूल रही है। वहीं गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी), वैल्यू एडेड टैक्स (वेट), उत्पाद शुल्क, कस्टम्स ड्यूटी, सेवा कर, सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी), मनोरंजन कर, स्टाम्प ड्यूटी और रोड टैक्स अप्रत्यक्ष कर की श्रेणी मे लिये जा रहे हैं।
सबसे ज्यादा टेक्स पेट्रोल पर
वहीं अभी भी सबसे ज्यादा 29 प्रतिशत टेक्स पेट्रोल पर ही लग रहा है। इसके अलावा आम आदमी को सीमेंट तथा वाहनो पर 28 प्रतिशत, डीजल पर 19 प्रतिशत और लोहे पर 18 प्रतिशत टेक्स चुकाना पडता है।