किसान को नोच कर खाने वाले बाघ की तलाश जारी
जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ से सटे देवरी ग्राम की घटना, तनाव के बीच हुआ शव का पीएम
बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष त्रिपाठी
मध्यप्रदेश
उमरिया
मानपुर। जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ से सटे ग्राम देवरी मे एक किसान को मौत के घाट उतारने वाले बाघ की खोजबीन जारी है। इस काम मे पार्क अमले के सांथ कई हाथियों को भी लगाया गया है, जो गांव के आसपास जंगल मे सघन तलाशी अभियान मे जुटे हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक शिकारी बाघ का कोई सुराग नहीं मिल सका है। गौरतलब है कि मानपुर परिक्षेत्र के ग्राम देवरी निवासी रामप्रताप सिंह गोंड 62 मंगलवार की सुबह अपने घर से सटे खेत मे फसल की कटाई कर रहा था। इसी दौरान वहां बाघ आ धमका। अभी कोई कुछ समझ पाता कि बाघ ने रामप्रताप को अपने जबड़े मे उठा लिया और तेजी से जंगल की ओर चला गया। इस घटना की खबर लगते ही कृषक के परिजन और ग्रामीण उसी दिशा मे गये जिधर बाघ रामप्रताप को ले गया था। इसी दौरान उसका शव घनी झाडिय़ों के बीच क्षत-विक्षत हालत मे मिला, जिसे देख कर सभी के होंश उड़ गये।
केवल पैर और सिर बचाया
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्हे मौके पर केवल किसान के पैर और सिर ही मिला, बाकी का सारा हिस्सा शेर खा चुका था। इस हादसे के बाद पूरे गांव मे रोष फैल गया। मामले की सूचना पर पहुंचे बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों को ग्रामीणो के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोग पार्क प्रबंधन पर रोज-रोज हो रही इस तरह की घटनाओं को रोकने मे नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए बाघ को तत्काल पकड़ कर ले जाने की मांग कर रहे थे। पार्क प्रबंधन की समझाईश और कार्यवाही का आश्वासन देने के बाद मृतक का पोस्टमार्टम किया गया। विभाग द्वारा पीडि़त परिवार को तात्कालिक सहायता के रूप मे दस हजार रूपये की सहायता दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि नियमानुसार शेष 8 लाख रूपये का भुगतान शीघ्र कर दिया जायेगा।
मवेशियों को उठाने पहुंचा था बाघ
इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र मे तनाव और भय का माहौल निर्मित है, वहीं इससे नेशनल पार्क के अधिकारियों की चिंता भी बढ़ गई है। विभागीय अमला यह जानने का प्रयास कर रहा है कि किसान को मार कर खाने वाला बाघ कौन सा है, सांथ ही उसने ऐसा क्यों किया। जानकारों का मानना है कि बाघ मवेशियों को उठाने पहुंचा होगा, यहीं पर उसका सामना घर के मालिक रामप्रताप सिंह गोंड़ से हो गया और उसने गुस्से मे उसे ही अपना शिकार बना लिया। हलांकि बड़ा खतरा बाघ के मैन ईटर होने का है। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब शेर उम्रदराज अथवा विकलांग हो जाय। ऐसे मे वह तेज दौडऩे वाले जंगली जानवरों का शिकार नहीं कर पाता और पालतू मवेशियों को मारने लगता है। बाघ यदि वाकई किसान को खाने आया था, तब उसे तत्काल काबू मे करना बेहद जरूरी है।
जंगल की ओर न जांय ग्रामीण
इसी बीच बांधवगढ़ नेशनल पार्क के अधिकारियों ने ग्रामीणो को जंगल की ओर नहीं जाने की हिदायत दी है। विभाग के एसडीओ बीएस उप्पल ने बताया कि अभी तक घटना कारित करने वाले बाघ का कोई सुराग नहीं मिला है। हो सकता है वह आसपास ही मौजूद हो, ऐसे मे सावधानीपूर्वक आवागमन करें। जरूरी हो तो किसी को सांथ लेकर चलें। श्री उप्पल ने बताया कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिये गांव तथा जंगल के बीच सोलर फेन्सिंग लगाई जा रही है। यह कार्य तेजी से चल रहा है। इस फेन्सिंग मे हल्की करंट प्रवाहित रहेगी, जिससे हिंसक जीव गांवों मे प्रवेश नहीं कर सकेंगे।