कल तीजा, परसों बिराजेंगे प्रथम पूज्य
जिले भर मे गणपति के स्वागत की तैयारी, बाजारों मे बढी त्यौंहारों की रौनक
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक पावन पर्व तीजा कल जिले भर मे धूमधाम से मनाया जायेगा। इस मौके पर महिलाएं रतजगा कर पूजा अर्चना करेंगी। घर-घर फुलेहरा बंधेगा। परसों शनिवार को गणेश चतुर्थी पर जगह-जगह भगवान गणपति की स्थापना होगी। इसी के सांथ हिन्दू पर्वों की शुरूआत हो जायेगी। त्यौहारों का यह क्रम अब दशहरा, दीवाली तक चलेगा। गौरतलब है कि हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है। महिलाएं इस दिन अखंड सुहाग की कामना के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से कुंवारी लड़कियों के विवाह मे आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं और मन चाहे वर की प्राप्ति होती है, सांथ ही शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। सुहागिन महिलाओं को व्रत करने से अखंड सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है और उनके पति को लंबी आयु तथा स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है। कहा जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सबसे पहले हरतालिका तीज का व्रत किया था, तभी से अखंड सौभाग्य एवं मन चाहे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत की शुरूआत हुई।
विवाह की बाधा दूर करने के उपाय
शादी मे आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए हरतालिका तीज के दिन स्नान करके शिवलिंग बनाएं और विधि विधान से भगवान शिव की पूजा अर्चना करें। भगवान शिव को 21 बेलपत्र अर्पित करें। शिवलिंग की 11 बार परिक्रमा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसी तरह हरतालिका तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त मे स्नान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करें। माता पार्वती को 11 हल्दी की गांठ अर्पित करें और भगवान शंकर को श्वेत वस्त्र अर्पित करें। इस उपाय से भी शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं।
यह है चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
गणेशोत्सव पर्व का शुभारंभ कल 7 सितंबर 2024, शनिवार को होगा। वैसे तो गणपति को घर मे पूरे 10 दिन तक रखा जाता है। लेकिन श्रद्धानुसार लोग 1, 3, 5 या 7 दिन मे भी उनकी विदाई कर सकते हैं। अधिकांश भक्त अनुष्ठान पूजा के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश प्रतिमा का विसर्जन के सांथ बप्पा को विदाई देते हैं। इस वर्ष, अनंत चतुर्थी लगभग 17 सितंबर, 2024, मंगलवार को मनाई जाएगी। वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3.05 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 5.40 बजे समाप्त होगी। ऐसे में गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024, शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का सही समय सुबह 11.00 बजे से दोपहर 1.36 बजे तक है। इस खास दिन ब्रह्म योग भी है जो रात 11.17 बजे तक रहेगा।