भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मे 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों पर हुआ मंथन
नई दिल्ली। भाजपा ने 2023 में 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा इलेक्शन की तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में सोमवार को पार्टी कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली के NDMC कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुई। यह मंगलवार को भी जारी रहेगी। बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद मार्ग के पटेल चौक से लेकर NDMC कन्वेंशन सेंटर तक 15 मिनट का रोड शो किया। इसके बाद वे सीधे कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचे और विधिवत कार्यक्रम का उद्घाटन किया। बैठक के बारे में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमजोर बूथों की पहचान कर उस पर मजबूती से काम करने को कहा। पार्टी ने ऐसे 72 हजार बूथाें की पहचान की है। अब तक 1 लाख 32 हजार बूथों पर पार्टी पहुंच भी चुकी है।
जीतना है 9 राज्य, लोकसभा चुनाव:जेपी
प्रसाद ने आगे बताया कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक में कहा- 2023 हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें इस साल 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में जीतना है। उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए चुनावों पर भी चर्चा की और कहा कि गुजरात की जीत ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है। हिमाचल में सरकार बदलने का ट्रेंड हम नहीं तोड़ पाएं। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, सभी महासचिव, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, सभी प्रदेशाध्यक्ष और पदाधिकारी भी शामिल हुए। इससे पहले भाजपा हेडक्वार्टर में सोमवार सुबह नड्डा ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी।रोड शो के बाद कार्यकारिणी की बैठक शुरू हुई। इसमें 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव की स्ट्रैटजी बनाई जाएगी। यह बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसके महज हफ्तेभर बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। हालांकि, लोकसभा चुनाव में करीब सालभर का ही वक्त बचा है, इसलिए ज्यादा संभावना इस बात की है कि नड्डा को 2024 तक का एक्सटेंशन दिया जा सकता है।
चुनाव के मद्देनजर संगठन से छेड़छाड़ नहीं करने की रणनीति
पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की एक अहम वजह इसी साल के आखिर में होने वाले 9 विधानसभाओं के चुनाव भी हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी मई-जून के बीच चुनाव कराए जाने के आसार हैं। अगर जेपी नड्डा के नाम पर किसी वजह से सहमति नहीं बनती है, तो भूपेंद्र यादव का नाम रेस में सबसे आगे है। वहीं, गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल को केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की पूरी संभावना है।
पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की एक अहम वजह इसी साल के आखिर में होने वाले 9 विधानसभाओं के चुनाव भी हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी मई-जून के बीच चुनाव कराए जाने के आसार हैं। अगर जेपी नड्डा के नाम पर किसी वजह से सहमति नहीं बनती है, तो भूपेंद्र यादव का नाम रेस में सबसे आगे है। वहीं, गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल को केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की पूरी संभावना है।
भाजपा के संविधान के मुताबिक भी अध्यक्ष का चुनाव संभव नहीं
तकनीकी तौर पर देखें, तो 2022 में भाजपा संगठन के चुनाव नहीं हो सके हैं, इसलिए जेपी नड्डा को ही लोकसभा चुनाव तक पद पर बने रहने को कहा जा सकता है। भाजपा के संविधान के मुताबिक कम से कम 50% यानी आधे राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। इस लिहाज से देश के 29 राज्यों में से 15 राज्यों में संगठन के चुनाव के बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता हैं।
तकनीकी तौर पर देखें, तो 2022 में भाजपा संगठन के चुनाव नहीं हो सके हैं, इसलिए जेपी नड्डा को ही लोकसभा चुनाव तक पद पर बने रहने को कहा जा सकता है। भाजपा के संविधान के मुताबिक कम से कम 50% यानी आधे राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। इस लिहाज से देश के 29 राज्यों में से 15 राज्यों में संगठन के चुनाव के बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता हैं।
चुनावी राज्यों के संगठन में फेरबदल पर मुहर लग सकती है
2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्य शामिल हैं। वहीं पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में भी इसी साल चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी इसी साल चुनाव के पूरे आसार हैं। मीटिंग में इन राज्यों के संगठन में कसावट लाने के मकसद से जरूरी फेरबदल को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही नए चेहरों को मौका मिल सकता है।
2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्य शामिल हैं। वहीं पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में भी इसी साल चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी इसी साल चुनाव के पूरे आसार हैं। मीटिंग में इन राज्यों के संगठन में कसावट लाने के मकसद से जरूरी फेरबदल को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही नए चेहरों को मौका मिल सकता है।
लोकसभा की 160 सीटों पर भी चर्चा, जहां भाजपा कमजोर
विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले हो रही इस बैठक में पार्टी कमजोर लोकसभा सीटों की समीक्षा करेगी। इनकी संख्या करीब 160 है। इन सीटों पर अलग से पार्टी नेताओं की तैनाती और पिछली मीटिंग से इस बात तक की प्रोग्रेस रिपोर्ट पर बात होगी।
विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले हो रही इस बैठक में पार्टी कमजोर लोकसभा सीटों की समीक्षा करेगी। इनकी संख्या करीब 160 है। इन सीटों पर अलग से पार्टी नेताओं की तैनाती और पिछली मीटिंग से इस बात तक की प्रोग्रेस रिपोर्ट पर बात होगी।
एजेंडे में राजनीतिक-आर्थिक प्रस्तावों के साथ G-20 सम्मेलन
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में राजनीतिक, आर्थिक प्रस्तावों के साथ G-20 सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रमों और उनमें पार्टी के सांसद-विधायकों के साथ कार्यकर्ताओं की भागीदारी पर चर्चा होगी। पार्टी के अहम प्रस्तावों पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे नेताओं के भाषण होंगे, जिनमें केंद्र सरकार की योजनाओं को ग्रास रूट तक पहुंचाने का रोड मैप बताया जाएगा।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में राजनीतिक, आर्थिक प्रस्तावों के साथ G-20 सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रमों और उनमें पार्टी के सांसद-विधायकों के साथ कार्यकर्ताओं की भागीदारी पर चर्चा होगी। पार्टी के अहम प्रस्तावों पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे नेताओं के भाषण होंगे, जिनमें केंद्र सरकार की योजनाओं को ग्रास रूट तक पहुंचाने का रोड मैप बताया जाएगा।
PM मोदी का रोड शो
दो दिन की इस मीटिंग के पहले दिन यानी सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो प्रस्तावित है। यह रोड शो गुजरात की जीत के लिए पार्टी की तरफ से मोदी को शुक्रिया कहने जैसा होगा। रोड शो के दौरान भाजपा के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे। पहले जानकारी आई थी कि मोदी बैठक के आखिरी दिन रोड शो करेंगे, लेकिन बाद में इसे पहले दिन शिफ्ट कर दिया गया।
दो दिन की इस मीटिंग के पहले दिन यानी सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो प्रस्तावित है। यह रोड शो गुजरात की जीत के लिए पार्टी की तरफ से मोदी को शुक्रिया कहने जैसा होगा। रोड शो के दौरान भाजपा के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे। पहले जानकारी आई थी कि मोदी बैठक के आखिरी दिन रोड शो करेंगे, लेकिन बाद में इसे पहले दिन शिफ्ट कर दिया गया।
चुनावी राज्य छोड़ दिल्ली में बैठक के मायने
अब तक कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा अपनी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक किसी चुनावी राज्य में आयोजित कर सकती है। इनमें मध्य प्रदेश और तेलंगाना के नाम प्रमुख तौर पर लिए जा रहे थे, लेकिन पार्टी ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर साफ कर दिया है कि उसका चुनाव अभियान केंद्रीय लीडरशिप ही तय करेगी।
अब तक कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा अपनी राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक किसी चुनावी राज्य में आयोजित कर सकती है। इनमें मध्य प्रदेश और तेलंगाना के नाम प्रमुख तौर पर लिए जा रहे थे, लेकिन पार्टी ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर साफ कर दिया है कि उसका चुनाव अभियान केंद्रीय लीडरशिप ही तय करेगी।
हैदराबाद में हुई कार्यसमिति की पिछली बैठक
भाजपा की पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हैदराबाद में हुई थी। हालांकि, इस बार भी कयास यही थे कि भाजपा किसी चुनावी राज्य में कार्यसमिति की बैठक कर सकती है। इस बार की बैठक में चुनावी साल में संगठन के कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की तैयारियों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी 17 जनवरी को शाम 4 बजे सभी पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। इसे मार्गदर्शन वक्तव्य कहा गया है। इसके साथ ही बैठक खत्म हो जाएगी।
भाजपा की पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हैदराबाद में हुई थी। हालांकि, इस बार भी कयास यही थे कि भाजपा किसी चुनावी राज्य में कार्यसमिति की बैठक कर सकती है। इस बार की बैठक में चुनावी साल में संगठन के कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की तैयारियों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी 17 जनवरी को शाम 4 बजे सभी पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। इसे मार्गदर्शन वक्तव्य कहा गया है। इसके साथ ही बैठक खत्म हो जाएगी।
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