नई दिल्ली। डेनमार्क, जर्मनी और फ्रांस की अपनी तीन दिवसीय यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह ऐसे समय में यूरोप की यात्रा कर रहे हैं जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। पीएम मोदी 2 मई को तीन देशों के दौरे पर रवाना होंगे। इस साल उनकी यह पहली विदेश यात्रा है। यह यात्रा यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद हो रही है। पीएम मोदी ने एक बयान में कहा, “मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों और विकल्पों का सामना कर रहा है। अपनी व्यस्तताओं के माध्यम से मैं अपने यूरोपीय भागीदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करने का इरादा रखता हूं, जो भारत की शांति और समृद्धि की खोज में महत्वपूर्ण साथी हैं। यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री 2 मई को जर्मनी पहुंचेंगे। पीएम मोदी बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और दोनों नेता भारत-जर्मनी अंतर सरकारी परामर्श (आईजीसी) का छठे संस्करण की सह-अध्यक्षता करेंगे। कई भारतीय मंत्री भी उस दिन जर्मनी की यात्रा पर रहेंगे और अपने जर्मन समकक्षों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। पीएम मोदी ने कहा, “मैं इस आईजीसी को जर्मनी में नई सरकार के गठन के छह महीने के भीतर एक शुरुआती जुड़ाव के रूप में देखता हूं, जो मध्यम और दीर्घकालिक के लिए हमारी प्राथमिकताओं की पहचान करने में मददगार होगा।” प्रधानमंत्री मोदी 3 मई को डेनमार्क के कोपेनहेगन के लिए उड़ान भरेंगे, जहां वह अपने डेनिश समकक्ष मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। यहां मोदी दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी अन्य नॉर्डिक देशों के प्रधानमंत्रियों के साथ भी बातचीत करेंगे। 24 घंटे के दौरान वह भारत-डेनमार्क व्यापार गोलमेज सम्मेलन में भी भाग लेंगे और साथ ही डेनमार्क में भारतीय समुदाय के साथ बैठक करेंगे। डेनमार्क में अपनी व्यस्तताओं को समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 मई को भारत वापस जाते समय फ्रांस में कुछ समय के लिए रुकेंगे। वह पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ बातचीत करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब यूक्रेन पर आक्रमण के चलते रूस के खिलाफ अधिकांश यूरोप एकजुट है।
कई चुनौतियों का सामना कर रहा है यूरोप: पीएम मोदी
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