ऑनलाईन होंगे वन्यजीवों की मौत के कारण
विभाग ने तैयार किया एप्लीकेशन, टाईगर रिजर्वो मे चल रहा ट्रायल
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ मे हुई जंगली हाथियों की मौत तथा उसे लेकर मचे बवाल के बाद राज्य सरकार ऐसे मामलों मे सतर्कता और पारदर्शिता के अनेक उपाय कर रही है। अब वन महकमा प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व तथा पार्को मे वन्य प्राणियों की सुरक्षा के सांथ उनकी मौत के कारणों की पूरी जानकारी सार्वजनिक रखेगा। इसके लिये विभाग ने वन्य प्राणियों की मौत के बाद वेब आधारित पोस्टमार्टम रिपोर्टिंग सिस्टम तैयार किया है। वाइल्डलाइफ पोस्टमार्टम रिपोर्ट सिस्टम के नाम से बनाये गये इस सिस्टम का फायदा यह होगा कि वन्य प्राणियों की पीएम रिपोर्ट ऑनलाइन देखी जा सकेगी। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए चार फार्मेट तैयार किए गए हैं, जिनके आधार पर एमपी मे भी व्यवस्था लागू की गई है ताकि देश के अन्य राज्यों के साथ रिपोर्ट की एकरूपता बनी रहे।
डॉक्टर्स का होगा रजिस्ट्रेशन
वन अफसरों के अनुसार, वन्य प्राणियों का पोस्टमार्टम करने वाले वेटरनरी डॉक्टर्स का इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होगा। साथ ही फॉरेस्ट के सभी उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट पहुंचाने की सुविधा भी इसमे होगी। इसके लिए अफसरों को पासवर्ड दिए जाएंगे। जिसका उपयोग कर सर्कल वाइज, वनमंडल वार तथा केस टाइप और डॉक्टर्स की रिपोर्ट देखी जा सकेगी।
गूगल मैप पर दिखेगी लोकेशन
सिस्टम मे यह भी व्यवस्था की गई है कि वन्य प्राणी की मृत्यु के बाद जहां पर उसकी डेडबॉडी मिली है, उसकी लोकेशन गूगल मैप द्वारा देखी जा सके। इस रिपोर्ट को वन महकमा लीगल कार्यों मे भी उपयोग कर सकेगा।
चार फार्मेट मे रहेगी रिपोर्ट
जानकारों के अनुसार पीएम रिपोर्ट के जानवरों के अनुसार अलग-अलग चार फार्मेट बनाये गये हैं। बाघ फार्मेट मे बाघ, तेंदुआ और चीतों की पीएम रिपोर्ट रहेगी। वन्य प्राणी रिपोर्ट मे अन्य सभी वन्य प्राणियों की पीएम रिपोर्ट रहेगी। बॉडी पार्ट एग्जामिनेशन रिपोर्ट मे वन्य प्राणियों के शरीर के परीक्षण की रिपोर्ट होगी। चिडिय़ाघर वन्य प्राणी रिपोर्ट में चिडिय़ाघर मे रहने वाले वन्य प्राणियों की पीएम रिपोर्ट की जानकारी रहेगी।
चुनिंदा टाईगर रिजर्व कर रहे उपयोग
विभाग द्वारा वन्यजीवों की मौत के कारणो से जनसामान्य को अवगत कराने एक ऑनलाईन एप्लीकेशन तैयार की गई है। इसके लिये जिले का अमला प्रशिक्षण प्राप्त कर चुका है। हलांकि ट्रायल के तौर पर पायलट प्रोजेक्ट मे शामिल टायगर रिजर्वो को इस सिस्टम का उपयोग करने के निर्देश दिये गये हैं, पर उनमे उमरिया सम्मिलित नहीं है। आने वाले कुछ महीनो मे जिले की इससे जुड़ी गतिविधियां भी एप्लीकेशन मे दर्ज की जायेंगी।
पीके वर्मा
उप संचालक
बां.टा.रि., उमरिया