ऐप के जरिये गिने जायेंगे वनराज
जिले मे बाघों के गणना की तैयारी शुरू, आज से दो दिनी प्रशिक्षण
उमरिया। जिले मे बाघों के गणना की तैयारी शुरू हो गई है। इसे लेकर आज से ताला मे दो दिनी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम मे बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व उमरिया, कटनी, वन विकास निगम, सामान्य वन मण्डल, उमरिया शहडोल तथा अनूपपुर के अधिकारी हिस्सा लेंगे। जानकारी के मुताबिक सबसे पहले मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया जायेगा, जो आगे अपने-अपने विभागों के जमीनी अमले को ट्रेनिंग देंगे। नेशनल पार्क के क्षेत्र संचालक विंसेन्ट रहीम ने बताया कि पूरे देश मे बाघों की गणना का कार्य अक्टूबर 2021 से प्रारंभ हो जायेगा।
कागज का नहीं होगा इस्तेमाल
प्रदेश मे पहली बार बाघों की गणना मे कागजों का इस्तेमाल नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार इस बार सारी कार्यवाही एम स्ट्राइब मोबाईल ऐप के जरिये होगी। जंगलों मे बाघों की गणना सबंधी सूचना साफ्टवेयर मे उपलब्ध फार्म मे दर्ज होगी। परंपरागत तरीकों के अलावा बाघ संभावित क्षेत्रों मे 2 किमी की ग्रिड बना कर 25-25 दिनो के लिये ट्रैप कैमरे स्थापित किये जायेंगे। इस पूरी कवायद के दौरान जो भी फोटो एवं जानकारी सामने आयेगी उसे संकलित कर वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजा जायेगा।
चार साल पहले हुई थी गिनती
इससे पहले देश मे बाघों की गिनती वर्ष 2018 मे हुई थी। यह गणना प्रत्येक 4 वर्ष मे की जाती है। गणना की कार्यवाही 2022 के पूर्व ही प्रारंभ हो जायेगी। क्षेत्र संचालक श्री रहीम ने बताया कि यह एक लंबी प्रक्रिया है। बाघ विचरण क्षेत्रों से संकलित जानकारी देहरादून पहुंचने के बाद डाटा का वैज्ञानिक तरीके से परीक्षण किया जाता है। जिसके बाद ही सही गणना के आंकड़े जारी किये जायेंगे।
बांधवगढ़ ने दिलाया टाईगर स्टेट का दर्जा
गौरतलब है कि इससे पूर्व हुए अखिल भारतीय बाघ आंकलन मे मध्यप्रदेश देश भर मे अव्वल रहा था। यहां सर्वाधिक बाघ पाये जाने के कारण ही राज्य को टाईगर स्टेट का दर्जा मिला था। इस उपलब्धि मे बांधवगढ का विशेष योगदान था। वर्ष 2018 मे बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व मे कुल 104 वयस्क बाघ पाये गये थे। जिन्हे मिला कर प्रदेश का आंकड़ा 526 हो गया। इसके ठीक पीछे कर्नाटक 524 बाघों के सांथ दूसरे नंबर पर था। बताया गया है कि गणना मे 1 वर्ष से अधिक आयु के बाघों को ही शामिल किया जाता है।
ऐप के जरिये गिने जायेंगे वनराज
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