भारतीय सेना और आइटीबीपी के जवान कर रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास
नई दिल्ली। लद्दाख सेक्टर में चीन के साथ टकराव के दो साल से अधिक समय हो चुका है। सेना अपने बलों के पुनर्संरचना और फिर से संगठित करने का काम कर रही है क्योंकि ये बल पहले उत्तरी सीमाओं की चुनौतियों की तुलना में पाकिस्तान के खतरे से निपटने के लिए अधिक तैयार थे। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी ) पर भारतीय सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस कई संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इसे दोनों बलों के बीच संयुक्तता और एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारतीय सुरक्षा बल युद्ध की तैयारियों को बढ़ाने के लिए अभ्यास कर रहे हैं। हाल ही में भारतीय सेना और आईटीबीपी ने चीन के साथ उत्तराखंड सीमा पर सक्रियता बढ़ाने के लिए केंद्रीय क्षेत्र के कोडनेम आईबीईएक्स में एक संयुक्त अभ्यास किया था। वहीं, दूसरी तरफ चीनी सेनाएं भी इन दिनो ग्रीष्मकालीन अभ्यास कर रही हैं। उनकी सेना की बटालियनें नियमित रूप से क्षेत्र में आ रही हैं। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना विरोधी की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है। सूत्रों के मुताबिक, चीनी पक्ष ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के चारों ओर भारी बुनियादी ढांचा भी बनाया है जहां वे अपने सैनिकों के लिए स्थायी आवास बना रहे है।
दोनों देश कर रहे बुनियादी
ढांचे का निर्माण
वहीं, जहां चीनी पक्ष अपने सैनिकों को अग्रिम स्थानों तक तेजी से पहुंचने की अनुमति देने के लिए पैंगोंग त्सो पर पुलों जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, वहीं भारत भी देपसांह के मैदानों तक पहुंचने और इसे नुब्रा घाटी से जोड़ने के लिए वैकल्पिक सड़कों का निर्माण जारी रखे हुए है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि जिस समय चीन के साथ अप्रैल-मई २०२० में एलएसी पर विवाद हुआ था। उसके बाद उस समय बनाई गई सड़क निर्माण की योजना के मुताबिक, सड़क निर्माण पर काम हो रहा है और इसके लिए जरूरी अनुमति ले ली गई है। सूत्रों के मुताबिक, दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में दुरबुक-श्योक-डीबीओ सड़क के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि नुब्रा घाटी पश्चिमी तरफ है और इसमें एयरबेस भी है, जिस पर अब सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में संचालन सहित पूर्वी और पश्चिमी दोनों क्षेत्रों को सहायता प्रदान करने के लिए मुकदमा चलाया जा रहा है।
सेना की चार स्ट्राइक कोर मे से दो की तैनाती सीमा पर
सूत्रों का कहना है कि सेना की चार स्ट्राइक कोर में से दो की तैनाती अब चीन सीमा पर है जबकि पहले इनमें से तीन पाकिस्तान से लगती सीमा पर थीं। भारी संख्या में सैन्य बलों की तैनाती से चीनी सेना को साफ संदेश दे दिया गया है कि एलएसी पर स्थिति में किसी भी एकतरफा बदलाव का दुस्साहस अब संभव नहीं होगा। भारतीय सीमाओं पर बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की तैनाती के बाद भारत ने चीन सीमा पर करीब ५०००० सैनिकों की तैनाती की।
एलएसी पर चीन को जवाब देने की तैयारी
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