एनसीपी, टीएमसी और सीपीआई से छिना नेशनल पार्टी का दर्जा

देश मे 6 प्रतिशत से भी कम वोट मिले वोट, आप बनी नेशनल पार्टी
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई से नेशनल पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है। आम आदमी पार्टी (APP) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। अब छह राष्ट्रीय पार्टियां हैं- बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, माकपा, एनपीपी और आप। इसके अलावा राष्ट्रीय लोक दल से राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा वापस लिया गया है। जयंत चौधरी की इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभाव है।चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (AAP) को नेशनल पार्टी का दर्जा दिया है। नेशनल पार्टी के लिए AAP को गुजरात या हिमाचल में 6% से ज्यादा वोट शेयर पाने की जरूरत थी। गुजरात में AAP को करीब 13% वोट शेयर मिला है। ऐसे में वह नेशनल पार्टी बन गई है। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है। AAP इससे पहले 3 राज्यों दिल्ली, पंजाब और गोवा में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।
राज्य पार्टी का दर्जा छिना
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल (RLD), पश्चिम बंगाल में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), आंध्र प्रदेश में भारत राष्ट्र समिति (BRS), मणिपुर में PDA, पुडुचेरी में PMK और मिजोरम में MPC का राज्य पार्टी का दर्जा छिन गया है।लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को नगालैंड में, टिपरा मोथा पार्टी को त्रिपुरा में, मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपुल पार्टी को राज्य पार्टी की मान्यता मिली है।

राष्ट्रीय पार्टी के नियम जानिए
किसी पार्टी को निम्‍न तीन नियमों में से कम से कम एक पूरा करने के आधार पर राष्‍ट्रीय पार्टी का तमगा दिया जाता है। पहला: पार्टी को कम से कम चार राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल हुआ हो। दूसरा: लोकसभा की कुल सीटों में से 2 फीसदी सीटें कम से कम तीन राज्यों से मिली हों। तीसरा: पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिला हो।

राष्ट्रीय पार्टी को मिलने वाले फायदे
राष्ट्रीय पार्टियां अपना सिंबल या चुनाव चिन्ह देशभर में सुरक्षित कर सकती हैं। राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रख सकती हैं साथ ही इनके यात्रा खर्च को उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं रखा जाता है। राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टियों को सब्सिडी दर पर पार्टी अध्यक्ष और पार्टी कार्यालय के लिए एक सरकारी बंगला किराए पर मिलता है।आम चुनावों के दौरान राट्रीय पार्टियों को आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए ब्रॉडकास्ट और टेलीकास्ट बैंड्स मिलते हैं। यानी राष्ट्रीय पार्टियों को सरकारी चैनलों पर दिखाए जाने का समय तय होता है।राष्ट्रीय पार्टियों को नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक प्रस्तावक की जरूरत होती है। अन्य पार्टियों को 2 प्रस्तावक चाहिए। अनरिकग्नाइज्ड पार्टियों और निर्दलीयों को 5 प्रस्तावकों की जरूरत होती है। राष्ट्रीय पार्टियों को मतदाता सूची के दो सेट मुफ्त में दिए जाते हैं। साथ ही इनके उम्मीदवारों को आम चुनावों के दौरान एक प्रति मुफ्त मिलती है।

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