एक ने वृद्ध को मारा, दूसरा कसेरू मे डंटा
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मे जारी बाघों का उत्पात, बीते तीन महीनो 6 की मौत
बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मध्यप्रदेश, उमरिया
मानपुर। जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अंतर्गत मानपुर परिक्षेत्र के मजखेता बीट मे बाघ ने एक और व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया है। यह घटना मानपुर बफर जोन के बडख़ेरा से लगे मझखेता बीट के भुरकुल हार मे हुई है। मृतक का नाम गाटा निवासी राममिलन चौधरी पिता सेमाली चौधरी 64 बताया गया है। जो कि रविवार को मवेशियों को चराने जंगल की ओर गया था। रात को घर वापस नहीं आने पर परिजनो ने सुबह उसकी तलाश शुरू की। इसी दौरान भुरकुल हार मे उसका शव पाया गया। शव के समीप ही बाघ ने एक बकरी और एक मवेशी को किल किया था। समझा जाता है कि शिकार के दौरान बाघ ने राममिलन पर हमला किया होगा।
पत्नी भी हुई थी टाईगर का शिकार
बताया गया है कि राममिलन चौधरी की पत्नी श्रीमती सुंदी चौधरी की मौत भी ऐसे ही एक हादसे मे हुई थी। वर्ष 2011 मे पत्ता तोडऩे जंगल गई सुंदी पर बाघ ने हमला कर दिया था, जिससे उसकी मृत्यु हो गई है। अब बाघ के हमले मे ही उसके पति को भी अपनी जान गवांनी पड़ी है। बहरहाल मामले की सूचना पर मानपुर परिक्षेत्राधिकारी मुकेश अहिरवार और उनकी टीम घटना स्थल पर पहुंच गये और हालात का जायजा लिया। पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव परिजनो को सौंप दिया गया। कल ही राममिलन का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पतौर और मानपुर रेंज बनी हॉट-स्पॉट
गौरतलब है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का पतौर और मानपुर परिक्षेत्र टाईगर अटैक का हॉट-स्पॉट बन गया है। बताया गया है कि इन परिक्षेत्रों मे बाघों का सर्वाधिक मूवमेंट है। जो जंगल मे आये लोगों पर हमला कर देते हैं। ऐसा वे अचानक व्यक्ति के सामने आ जाने पर करते हैं। अभी तक टाईगर द्वारा किसी भी ग्रामीण का शिकार या उसे खाने का कोई प्रकरण सामने नहीं आया है। बीते तीन महीनो के दौरान इस इलाके मे बाघ के अटैक मे 5 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि अक्टूबर की यह पहली घटना है। इसे मिला कर जुलाई से अब तक कुल 6 मौतें हुई हैं। सितंबर की 19 तारीख को पतौर रेंज के ग्राम बमेरा मे बाघ के हमले मे दम्मा यादव नामक वृद्ध की मृत्यु हो गई थी।
युवक पर कर दिया हमला
इधर पतौर रेंज के कसेरू गांव मे सोमवार को फिर बाघ ने डेरा डाल लिया है। कई घंटों की मशक्कत के बाद भी वह जंगल वापस जाने को तैयार नहीं हुआ है। जानकारों के मुताबिक जिस समय अमला बाघ को खदेडऩे का प्रयास कर रहा था, तब वहां काफी संख्या मे ग्रामीण जुड़े हुए थे। इसी दौरान उसने अचानक मित्तू पिता बुद्धा सिंह 23 नामक युवक पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया, जिसे तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। बाघ के कारण कसेरू तथा आसपास के इलाके मे दशहत का महौल है। वहीं उसे जंगल की ओर हांकने के लिये हाथियों का दल भी बुला लिया गया है। बताया गया है कि उत्पाती बाघ करीब 3 साल उम्र का नया रंगरूट है। जो पहले अपनी मां के सांथ इसी क्षेत्र मे विचरण करता था। जंगल और गांव के बीच एक नाला और काफी जंगल है, जिसकी वजह से यह अक्सर यहां आता रहता है।