जिप्सी संचालकों मे नाराजगी, कोविड के कारण बांधवगढ़ मे पर्यटकों की संख्या हुई कम
उमरिया। एक तरफ तो कोविड के कारण बांधवगढ़ मे पर्यटकों की संख्या कम हो गई है, दूसरी तरफ ऑप लाइन टिकट विंडो बंद कर दिया गया है। वहीं तीसरी तरफ प्रबंधन ने रजिस्टर्ड जिप्सियों की संख्या बढ़ा दी है जिससे पहले से जिप्सी संचालित करने वालों मे नाराजगी बढ़ती जा रही है। आक्रोषित जिप्सी चालकों का कहना है कि वे इस मामले को लेकर हाईकोर्ट की शरण लेंगे और गलत तरीके से बढ़ाई गई जिप्सियों को लेकर सवाल उठाएंगे।
28 जिप्सियां बढ़ाई
एक महीने के अंदर दूसरी बार स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक करके पार्क प्रबंधन ने रजिस्टर्ड जिप्सियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय के बाद 28 नई जिप्सियों को रजिस्टर्ड कर दिया है। इसी के साथ यहां रजिस्टर्ड जिप्सियों की संख्या 249 हो गई है। जबकि पहले बांधवगढ़ मे रजिस्टर्ड जिप्सियों की संख्या 221 थी। बांधवगढ़ के कोर जोन में दोनों समय मे कुल 147 जिप्सियों को ही प्रवेश दिया जाता है। यानी प्रतिदिन पार्क फुल रहने पर 102 जिप्सियां अंदर नहीं जा सकेंगी।
पहले भी गए कोर्ट
कुछ वर्ष पहले स्थानीय लोग नई जिप्सियां लेकर आए थे और तब उन्हें पर्यटन वर्ष के बीच मे प्रबंधन ने रजिस्टर्ड नहीं किया था। उस समय स्थानीय लोग जिप्सियों के रजिस्ट्रेशन के लिए कोर्ट गए थे। तब प्रबंधन ने कोर्ट मे जवाब दिया था कि जिप्सियों का रजिस्ट्रेशन सिर्फ पर्यटन वर्ष शुरू होने के पहले किया जाता है बीच मे नहीं। जबकि इस बार स्थानीय सलाहकार समिति की एक महीने मे दूसरी बैठक करके कुछ नई जिप्सियों को रजिस्टर्ड करने का निणर्य ले लिया।
नहीं बढ़ी गाइडों की संख्या
यह है हाल बांधवगढ़ नेशनल पार्क मे 249 जिप्सी रजिस्टर्ड गई है। इसके बावजूद भी कोर, बफर मिलाकर लगभग 108 गाइड हैं। जबकि कोर, बफर, नाइट सफारी मिलाकर लगभग 250 से ज्यादा टिकट उपलब्ध है। इसी तरह जब गाइड की जरूरत पड़ती है। तो श्रमिकों को गाइड कार मे भेज दिया जाता है।
ऑनलाईन होंगी सारी बुकिंग: बीएस अन्नागिरी
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का ऑप लाइन टिकट काउंटर बंद कर दिया गया है। इस बारे मे जानकारी देते हुए फील्ड डायरेक्टर बीएस अन्नागिरी ने बताया कि कोविड के खतरे को देखते हुए टिकट कांउटर बंद किया गया है। अब सारी बुकिंग और टिकट देने का काम ऑन लाइन होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है इसलिए यह निर्णय लिया गया है ताकि लोग किसी संकट मे नहीं फसे। जिप्सियों की संख्या स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक मे लिए गए निर्णय के अनुसार बढ़ाई गई है। बैठक मे सभी जिम्मेदार लोग शामिल थे। इससे जिप्सी संचालकों को ही फायदा होगा।