उपार्जन एजेन्सी की तोहमत झेल रहा प्रशासन
नान से काम छीन कर एनसीसीएफ को सौंपना बना मुसीबत का सबब
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले मे खरीफ का उपार्जन शुरू हुए 18 दिन बीत जाने के बाद भी व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है। अनेक स्थानो पर बारदानो की कमी है, वहीं उपार्जित अनाज का परिवहन भी बेहद धीमी गति से हो रहा है। उठाव नहीं होने का असर तौल पर पड रहा है। हालत यह है कि अनेक किसान उपज लेकर केन्द्रों मे अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इधर आसमान पर बादलों की आवाजाही शुरू हो गई है। जिससे किसानो के सांथ ही अधिकारी भी चिंतित हैं। दरअसल इस पूरी समस्या का कारण शासन स्तर पर आनन-फानन मे एजेंन्सी बदलने के निर्णय को माना जा रहा है। जिले मे अब तक रबी और खरीफ की फसलों का उपार्जन एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कारपोरेशन (नान) के जरिये होता चला आया है, परंतु इस बार यह काम भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) को सौंपा गया है। सूत्रों के मुताबिक नई एजेन्सी के पास न तो स्टाफ है नां ही कोई इंतजाम। इसकी वजह से पूरे जिले मे अफरा-तफरी मच गई है। कुल मिला कर सरकार के फैंसले, नई नवेली एजेन्सी के कुप्रबंधन और किसानो के असंतोष की तोहमत प्रशासन को झेलनी पड़ रही है।
नहीं बन पा रहा समन्वय
उल्लेखनीय है कि गेहूं की अपेक्षा धान का उपार्जन थोड़ा मुश्किल भरा होता है, कारण कि इसकी खरीद के बाद मिलिंग भी एजेन्सी को करानी है। बताया जाता है कि वर्षो तक इस काम मे लगी नान का नकेवल व्यवस्थित सेटप बना हुआ था बल्कि उसका स्थानीय मिलर्स और ट्रांसपोटर्स से भी व्यापारिक संबंध रहा है। जबकि नई एजेंन्सी की जिले मे कोई जान-पहचान नहीं है। सूत्र बताते हैं कि मामला रकम का होने से समन्वय और विश्वास कायम होने मे काफी दिक्कतें आ रही हैं। जानकारी है कि अभी तक एनसीसीएफ ट्रांसपोर्टर और मिलर से एग्रीमेंट तक नहीं कर पाई है।
अपना ऑपरेटर तक नहीं
ताज्जुब की बात यह है करोड़ों रूपये के अनाज का उपार्जन करने आई एजेन्सी के पास अपना एक ऑपरेटर तक नहीं है। बताया जाता है कि एनसीसीएफ ने जयदीप डूडी तथा धरमवीर सिंह नामक दो अधिकारी जिले मे तैनात किये हैं। उनकी एक स्टेट हेड अपर्णा सिंह हैं, जो भोपाल मे पदस्थ हैं। गौरतलब है कि उपार्जित धान गोदाम मे पहुंचने के बाद ही इसके भुगतान की कार्यवाही होती है। ऐसे मे जितनी देरी उपार्जन और ट्रांसपोर्टिग मे होगी, उतना ही विलंब किसानो के भुगतान मे भी होगा।
अब तक 422992 क्विंटल खरीदी
इस बीच जिले मे गत 2 दिसंबर से खरीफ का उपार्जन शुरू हो गया है। इसके लिए तीनो जनपदों मे 42 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक 20 दिसंबर तक कुल 7277 किसानो से 422992.23 क्विंटल धान खरीदी जा चुकी है। वहीं केन्द्रों से 125556.60 क्विंटल धान गोदामो तक पहुंचाई गई है। अब तक उपार्जित फसल का 9104855647.00 रूपये भुगतान किया जाना है।
व्यवस्थित हुआ उपार्जन
जिले मे खरीफ का उपार्जन व्यवस्थित तरीके से होने लगा है। खरीदी केन्द्रों मे सभी आवश्यक व्यवस्थायें उपलब्ध करा दी गई हैं। जिला प्रशासन तथा खाद्य विभाग भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) का हर तरह से सहयोग कर रहा है, ताकि किसानो को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
श्रीमती मीनाक्षी इंगले
डिप्टी कलेेक्टर, उमरिया