उद्यान मे पटाखे और ध्वनि प्रदूषण पर लगे प्रतिबंध
बांधवगढ टाइगर रिजर्व स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक मे संभागीय कमिश्नर ने दिये निर्देश
बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष
मध्यप्रदेश
उमरिया
मानपुर। संभागीय कमिश्नर बीएस जामोद ने कहा है कि बांधवगढ टाइगर रिजर्व क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य को बचाने तथा इसे और भी बेहतर बनाने सभी उपाय किये जांय। क्षेत्र मे ध्वनि प्रदूषण प्रतिबंधित हो। इस दिशा मे हम सबको मिलकर काम करने की आवश्यकता है। श्री जामोद गत दिवस ईको सेंटर ताला मे आयोजित बांधवगढ टाइगर रिजर्व की स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर समिति के सदस्यों ने कई सुझाव दिये, जिन पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। कमिश्नर ने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग से उद्यान का कायाकल्प किया जा सकता है। इसके लिए स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोडऩा होगा। उन्होने कहा कि जंगली पशुओं से किसानों को होने वाली फसल हानि की क्षतिपूर्ति समय-सीमा मे सुनिश्चित करायें। कमिश्नर ने बांधवगढ टाइगर रिजर्व क्षेत्र मे पटाखों और ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती से प्रतिबंधित करने अधिकारियों को निर्देशित किया, ताकि वन्य प्राणियों की शांति भंग न हो तथा टाइगर रिजर्व क्षेत्र का प्राकृतिक सौदर्य बना रहे।
होटल-रिसोर्ट की एनओसी पर चर्चा
बैठक में बांधवगढ टाइगर रिजर्व क्षेत्र मे होटल एवं रिसोर्ट बनाने हेतु एनओसी के संबंध मे प्राप्त आवेदनों पर चर्चा की गई। वहीं नये पर्यटन वाहनों की अनुमति के संबंध में गाइडों की भर्ती तथा ईको फै्रंडली क्षेत्र बनाने के संबंध मे चर्चा तथा महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये। कमिश्नर ने सदस्यों के सुझावों पर चर्चा करते हुए कहा कि उद्यान क्षेत्र मे ग्राम पंचायत ताला एवं उसके आसपास के इलाकों मे कचरा प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाय। होटलों से निकलने वाले कचरे का उचित प्रबंधन हो। जिससे पार्क के प्रति पर्यटकों का आकर्षण बढ़े। उन्होने बांधवगढ मे ईको फ्रें डली गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के निर्देश देते हुए कहा कि क्षेत्र मे लगने वाले हाट बाजारों मे प्लास्टिक का उपयोग बंद कराया जाय। इसके बदले मे लोगों को कपडे के थैले के उपयोग की सलाह दें। रिजर्व क्षेत्र के होटलों एवं दुकानों मे गीले व सूखे कचरे के डिब्बे अनिवार्यत: रखने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें।
गाईडों के परिश्रमिक का अनुमोदन
इस अवसर पर वर्ष 2024-25 के लिए गाइडों के परिश्रमिक का अनुमोदन किया गया। बैठक मे उप संचालक बांधवगढ टाइगर रिजर्व पीके वर्मा ने बताया कि लगभग 1536 वर्ग किलोमीटर मे फैले बांधवगढ टाइगर रिजर्व मे वर्तमान मे तीन गेट है। पार्क मे 2018 से जंगली हाथियों का मूवमेंट देखा जा रहा है। लगभग 40 हाथियों के समूह ने यहां अपना स्थाई निवास बना लिया है। बांधवगढ टाइगर रिजर्व बाघों की संघनता के मामले मे मध्यप्रदेश मे सबसे ऊपर है। यही कारण है कि पार्क मे आपसी संघर्ष के कारण बहुत ज्यादा बाघों की मौत होती है। कुछ साल पहले नेशनल पार्क मे गौर और बारहसिंघा को बसाने का कार्य प्रारंभ किया गया था, जिसके अच्छे परिणाम मिले है। इन दोनो वन्यजीवों की संख्या लगातार बढ रही है।
25 हजार चीतल, 65 हांथी
उप संचालक श्री वर्मा ने बताया कि बांधवगढ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में लगभग 25 हजार से ज्यादा चीतल तथा करीब 65 जंगली हाथी है। उन्होंने बताया कि पिछले सीजन में बांधवगढ टाइगर रिजर्व में लगभग 1 लाख 13 हजार पर्यटक आये, जिससे 13 करोड़ 20 लाख रूपये की आय हुई। बैठक मे बांधवगढ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक एसएल उइके, कलेक्टर शहडेाल तरूण भटनागर कलेक्टर उमरिया धरणेंद्र जैन, संयुक्त आयुक्त विकास मगन सिंह कनेश, अध्यक्ष बांधवगढ टाइगर रिजर्व होटल एसोसियेशन, सरंपच ताला एवं पतौर एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।