पंखे-कूलर बंद होते ही दम घोंट रही गर्मी, शहर से लेकर गांव तक कोहराम
बांधवभूमि, उमरिया
जिले मे पड़ रही उमस भरी भीषण गर्मी के बीच बिजली की आंख मिचौली लोगों के लिये आफत का सबब बन गई है। आलम यह है कि जिला मुख्यालय मे ही कभी मेंटीनेन्स तो कभी फाल्ट के नाम पर दिन मे दर्जनो बार सप्लाई बंद की जा रही है। आधी रात के बाद घंटे-डेढ़ घंटे बत्ती गुल होना अब रोज की बात है। पंखे-कूलर बंद होते ही लोग पसीने से तर-बतर हो जाते हैं। विशेषकर बच्चों, बुजुर्गो और महिलाओं का तो घर मे रहना ही मुहाल है। ग्रामीण क्षेत्रों मेहालात और भी बदतर हैं। जहां एक बार बिजली जाने के बाद उसके आने का कोई ठिकाना नहीं रहता। वहीं ट्रांसफार्मर तथा अन्य उपकरणो को बदलने की व्यवस्था अभी भी नहीं सुधर पाई है। बताया जाता है कि जिले के दर्जनो गावों मे सैकड़ों की संख्या मे ट्रांसफार्मर महीनो से खराब पड़े हैं, जिन्हे बदलने की कोई पहल नहीं की जा रही है।
हवा चलते ही गुल हुई बत्ती
उमरिया मे रविवार को दिन भर लोग बिजली की आवाजाही से परेशान रहे। दोपहर के समय अचानक मौसम बदल गया और हवाओं के सांथ हल्की बारिश होने लगी। हलांकि कुछ मिनट मे ही बारिश का दौर तो रूक गया पर बिजली की आंख-मिचौली शुरू हो गई। 12 बजे से लकर रात तक दर्जनो बार आपूर्ति ठप्प हुई।
फिर तेज बारिश मे क्या होगा
विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण लाईन मे फाल्ट आ गया है, जिसे ठीक किया जा रहा है। सवाल उठता है कि जब हल्की बूंदा-बांदी से इतना बड़ा फाल्ट आ गया, तो तेज बारिश मे क्या होगा। उमरिया के अलावा जिले के पाली, मानपुर, चंदिया, करकेली आदि क्षेत्रों मे भी बारिश के बाद बिजली ठप्प होने की सूचना है।
जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा
जानकारों का मानना है कि प्री मानसून, मौसम मे आ रहे परिवर्तन और उमस भरी गर्मी के कारण जहरीले जीव जंतु अपने बिलों से निकल कर सड़क, पगडंडियों के अलावा घरों मे खुले स्थानो पर आकर बैठ जाते हैं। ग्रामीण अंचलों मे बिजली न होने से रात के समय अंधेरे मे उनके हमले का खतरा बढ़ जाता है। उल्लेखनीय है कि जिले मे हर वर्ष सर्पदंश की घटनाओं मे कई लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे हादसे अमूमन रात को अधिक होते हैं। इसके पीछे बिजली न होना प्रमुख कारण माना जाता है।
लोड के कारण बढ़ रहे फाल्ट
जिले मे पुराने पड़ चुके उपकरण और बढ़ता लोड बिजली की आपूर्ति मे बड़ी बाधा है। विभागीय सूत्रों का मानना है कि सब स्टेशनो से लेकर ट्रांसफार्मरों तक बिजली पहुंचाने वाले तार आदि सब कुछ बाबा आदम के जमाने के हैं। इस बीच शहर और गांव मे नसिर्फ नये कनेक्शनों की बाढ़ आई है बल्कि बिजली से चलने वाले उपकरणो मे भी भारी इजाफा हुआ है। उस लिहाज से यंत्रों को अपडेट नहीं किया गया। हलांकि अब जाकर यह पहल शुरू हुई है परंतु जब तक इनकी क्षमता बढ़ेगी, लोड और आगे निकल जायेगा।
आफत बनी बिजली की आंख-मिचौली
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