आधे से भी दूर इस बार की बारिश

आधे से भी दूर इस बार की बारिश

गर्मी और उमस से बदहाल जनजीवन, मौसम की अनिश्चितता ने बढाई किसानो की परेशानी

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया
एक तरफ देश के कई हिस्से अतिवृष्टि से बदहाल हैं, तो दूसरी ओर जिला सूखे की कगार पर पहुंच गया है। हालत यह है कि बारिश का आंकडा बीते वर्ष की तुलना मे आधे से भी कम है। जानकारी के अनुसार साल 2023 मे एक जून से अभी तक जहां 276.4 एमएम औसत वर्षा हो चुकी थी, वहीं इसी अवधि मे अभी महज 137.2 एमएम बारिश हुई है। इस लिहाज से गत साल की तुलना मे 139.2 एमएम कम बारिश दर्ज की गई है। बारिश न होने से गर्मी और उमस का प्रकोप जारी है, जिसने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। वहीं मौसम की अनिश्चितता ने किसानो के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। कृषि के जानकारों का मानना है कि बरसात मे हो रही देरी के कारण खरीफ की बोनी रूकी हुई हुई है। जिन किसानो के पास सिचाई के अपने साधन हैं, उनके लिये बेतहाशा गर्मी की समस्या बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि धान इस सीजन की मुख्य फसल है, जिसे गर्मी बर्दाश्त नहीं होती। वहीं रोपाई के लिये कम से कम 5 इंच की बारिश जरूरी है। हलांकि इतनी बारिश तो हो चुकी है, पर यह काफी अंतराल मे हुई है। जिसका कोई फायदा नहीं है। किसानो का कहना है कि यदि जल्दी ही झमाझम बारिश नहीं हुई तो उनकी नर्सरी सूख कर नष्ट हो जायेगी। जिससे उनकी लागत और नफा दोनो खत्म हो जायेंगे।

बढ रही मौसमी बीमारियां
लंबे समय तक गर्मी का दौर चलने से मौसमी बीमारियां सिर उठाने लगी हैं। जानकारी के अनुसार इन दिनो लोग वायरल फीवर, डीहाईड्रेशन, खांसी और पेट की तकलीफ जैसी पेरशानियों का शिकार हो रहे हैं। चिकित्सिकों के मुताबिक बारिश का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। इस मौसम मे सर्दी, जुकाम और बुखार होना सामान्य है। मानसून मे सामान्य और गंभीर दोनों तरह के रोगों का खतरा रहता है। जबकि कीचड़ और पानी जमा होने के कारण डेंगू के मच्छर बढ़ जाते हैं। फंगल इंफेक्शन और नमी की वजह से समस्या खड़ी हो जाती हैं। डाक्टरों का मानना है कि समस्या से बचाव के लिए बारिश मे भीगने पर तुरंत कपड़े बदल लेने चाहिए। बरसात मे पाचन क्रिया कमजोर हो सकती है, जिसके कारण पेट संबंधी डायरिया, उल्टी और दस्त की शिकायत भी सामने आती है। इससे बचाव के लिये खान-पान का ख्याल रखना जरूरी है। ऐसे मे हल्का भोजन करें, बाहर के खाने से परहेज तथा भोजन के बाद टहलें। इन बीमारियों से बचाव के लिए सतर्कता, परहेज और साफ-सफाई आवश्यक है।

लय नहीं पकड पाया मानसून
इस साल शुरूआत से ही मानसून लय नहीं पकड पाया है। एक छोर मे बारिश तो दूसरे छोर मे सूखा लगातार देखा जा रहा है। इतना ही नहीं उमरिया मे भी खण्ड वर्षा हो रही है। यही कारण है कि वातावरण मे ठंडक नहीं आ रही है। बीते 24 घंटे के दौरान जिले मे महज 1.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जिसमे मानपुर मे 2.6, पाली मे 08, करकेली मे 2.1 तथा बिलासपुर मे सर्वाधिक 4.6 मिमी वर्षा शामिल है। वहीं 1 जून से 10 जुलाई तक 137.2 मिमी वर्षा रिकार्ड गई है, जिसमें बांधवगढ मे 202.6, मानपुर मे 156.4, पाली मे 122.6, नौरोजाबाद मे 136.1, चंदिया मे 137.4, करकेली मे 118 मिमी एवं बिलासपुर मे 97.6 मिमी वर्षा हुई है। गत वर्ष इसी अवधि तक कुल 276.4 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई थी। जिसमे बांधवगढ मे 296.5 मिमी, मानपुर मे 261.4 मिमी, पाली मे 375.6 मिमी, नौरोजाबाद मे 318 मिमी, चंदिया मे 273 मिमी, करकेली मे 130.5 मिमी तथा बिलासपुर मे 179.७ मिमी वर्षा हुई थी।

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