आठ महीने मे 11 बाघों ने तोड़ा दम

आठ महीने मे 11 बाघों ने तोड़ा दम

बांधवगढ़ मे जारी वनराजों की मौत का सिलसिला, अब ताला कोर क्षेत्र मे मिला शव

बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी

मध्यप्रदेश, उमरिया

मानपुर। जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ मे बाघों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पतौर रेंज के बमेरा गांव मे मंगलवार की रात किसान पर टाईगर अटैक की खबरें चल ही रही थी कि बुधवार को सुबह ताला कोर क्षेत्र मे एक वयस्क बाघ ने पार्क को अलविदा कह दिया। मृत बाघ की उम्र 8 साल के आसपास बताई गई है, जिसका शव परिक्षेत्र के आरएफ  339 मे धन्यवाद तिराहा के पास पाया गया। गश्ती दल की सूचना पर वरिष्ठ अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। घटना स्थल को सील करने के सांथ ही स्निफर डॉग और मेटल डिटेक्टर के जरिये इलाके का परीक्षण कराया गया। सहायक परिक्षेत्राधिकारी पतौर रंजन सिंह परिहार ने बताया है कि मृत बाघ के शरीर पर गंभीर घाव के निशान हैं। उसकी गर्दन टूटी हुई है। जिससे प्रतीत होता है कि उसकी मृत्यु अन्य बाघ के सांथ भिडं़त मे हुई है। पीएम तथा अन्य कार्यवाहियों के बाद बाघ के शव को जला कर नष्ट कर दिया गया है।
सबसे ज्यादा मौतें मानपुर मे
गौरतलब है कि बीते जुलाई मांह मे ही सरकार ने वर्ष 2022 की बाघ गणना के आंकड़े जारी किये थे। जिसमे मध्यप्रदेश मे बाघों की उल्लेखनीय वृद्धि के कारण उसके टाईगर स्टेट का ताज बरकरार रहा था। इसमे उमरिया जिले, विशेषकर बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान का महत्वपूर्ण योगदान था। उसके बाद से बाघों के मरने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह अब तक जारी है। जानकारी के अनुसार फरवरी से सितंबर अर्थात आठ महीने के अंतराल मे ही बांधवगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों मे कुल 11 बाघों की मौत हुई है। इनमे सर्वाधिक 4 बाघ मानपुर परिक्षेत्र मे मरे हैं। इस तरह हो रही बाघों की मौत से नकेवल प्रबंधन बल्कि जिले के वन्यजीव प्रेमियों मे भी चिंता व्याप्त है।
हमले मे गई 5 लोगों की जान
बाघों की मौत के सांथ ही उनके हमलों मे इंसानो की मौत भी बदस्तूर हो रही है। इससे जहां क्षेत्र मे तनाव व्याप्त है, वहीं प्रबंधन को आये दिन लोगों के आक्रोष का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो जुलाई से लेकर अब तक नेशनल पार्क से सटे गावों मे 5 ग्रामीण बाघ के गुस्से का शिकार हो कर अपनी जान गवां चुके हैं। केवल जुलाई महीने मे टाईगर अटैक के चलते 3 व्यक्तियों की मृत्यु हुई। वहीं अगस्त और सितंबर मे भी 1-1 ग्रामीण की मौत बाघ के हमले मे हुई है। इसके अलावा कई रहवासी गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं।
नहीं बची घायल दम्मा की जान
गत बुधवार को बाघ के हमले मे लहूलुहान हुए ग्रामीण की इलाज के लिये जबलपुर ले जाते समय मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि दम्मा पिता बदुआ यादव 52 निवासी ग्राम बमेरा जनपद मानपुर घर मे घुसे बाघ को निकालने के दौरान उसके गुस्से का शिकार हुआ था। रात करीब 7 बजे बुरी तरह जख्मी दम्मा यादव को जिला चिकित्सालय लाया गया था। जहां से डाक्टरों ने उसे जबलपुर रिफर कर दिया, परंतु रास्ते मे ही दम्मा ने दम तोड़ दिया। गुरूवार को पीएम के उपरांत मृतक का शव परिजनो को सौंप दिया गया। जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *