पीएम मोदी करेंगे नेताजी की प्रतिमा का अनावरण
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम 7 बजे इंडिया गेट पर ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन करने वाले हैं। इसी दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण होना है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, राजपथ को कर्तव्य पथ नाम देना सत्ता के प्रतीक को हटाकर सार्वजनिक स्वामित्व और सशक्तिकरण का नाम देकर एक उदाहरण पेश करना है। पीएमओ ने कहा, प्रधानमंत्री इस अवसर पर इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण करने वाले हैं। ये कदम अमृत काल में नए भारत के लिए प्रधानमंत्री के दूसरे पंच प्राण- औपनिवेशिक मानसिकता के निशान को हटान के अनुरुप है। वर्षों से, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के राजपथ और आसपास के क्षेत्रों में आगंतुकों के बढ़ते यातायात का दबाव देखा जा रहा था, जिससे इसके बुनियादी ढांचे पर दबाव भी पड़ा है।
पीएमओ के मुताबिक, यहां सार्वजनिक शौचालय, पीने के पानी, स्ट्रीट फर्नीचर और पर्याप्त पार्किंग की जगह जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इसके अलावा, अपर्याप्त साइनेज, पानी की सुविधाओं का खराब रखरखाव और बेतरतीब पार्किंग थी। राजपथ को कर्तव्य पथ बनाना पुनर्विकास सहित तमाम चिंताओं को ध्यान में रखकर वास्तुशिल्प की अखंडता और निरंतरता को सुनिश्चित रखते हुए किया गया है। कर्तव्य पथ में सुंदर परिदृश्य, वॉकवे के साथ लॉन, अतिरिक्त हरे भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, नए सुविधाजनक ब्लॉक, बेहतर साइनेज और वेंडिंग कियोस्क बने हैं। इसके अलावा, पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास, बेहतर पार्किंग, नए प्रदर्शनी पैनल और रात के लिए बेहतरीन स्ट्रीट लाइट्स समेत कई अन्य विशेषताएं हैं जो कर्तव्य पथ की शान को और सुंदरता को और बढ़ाएंगे। इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी की रिसाइकिलिंग, वर्षा जल स्टोरिंग और जल संरक्षण जैसी कई सुविधाएं भी शामिल हैं।
पीएमओ के मुताबिक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा, जिसका अनावरण पीएम द्वारा होगा, उसी स्थान पर स्थापित हो रहा है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था। ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा हमारे स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान के लिए एक उचित श्रद्धांजलि है और देश के प्रति उनके ऋणी होने का प्रतीक होगी। नेताजी की प्रतिमा बनाने वाले मुख्य मूर्तिकार अरुण योगीराज हैं। 28 फीट ऊंची प्रतिमा को एक अखंड ग्रेनाइट पत्थर से उकेरा गया है और इसका वजन 65 मीट्रिक टन है।