आज विराजेंगे विघ्नहर्ता

आज विराजेंगे विघ्नहर्ता

हरतालिका तीज पर महिलाओं ने की शिव-पार्वती की पूजा, रखा वृत

बांधवभूमि, उमरिया
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया सोमवार को सौभाग्यवती महिलाओं ने अपने सुहाग की दीर्घायु के लिए हरतालिका का कठिन और निर्जला व्रत रखा, इस मौके पर कुंआरी कन्याओं ने योग्य और मनोवाक्षिंत वर की कामना से भगवान शिव और गौरीनंदन की पूजा अर्चना की। मान्यता है कि भगवान शिव को पति स्वरूप मे पाने के लिए माता पार्वती ने भाद्रपद की तृतीया को निर्जला व्रत किया था उनके कठोर तप से प्रसंन्न होकर ही महादेव उन्हे पति के स्वरूप मे प्राप्त हुए। पुराणों मे आज के दिन माता सीता और रूकमणी द्वारा भी व्रत रखे जाने का उल्लेख है। हरतालिका तीज पर अन्न, वस्त्र दान से उत्तम फल की प्राप्ति होती है महिलाएं एक दिन पूर्व रात्रि मे खीरे का सेवन कर दूसरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। दोपहर के समय घरों मे पूजा की जाती है और शाम के समय मंदिरो मे फुलेहरा सजाए जाते हैं। जहां आसपास की सभी महिलाएं एकत्रित होकर महादेव और मंगलकर्ता की विधि विधान से पूजा अर्चना कर व्रत महात्म की कथा सुनती हैं और उनके द्वारा दान दिया जाता है। आज के दिन महिलाएं रतजगा भी करती हैं और पूरी रात भजन कीर्तन का दौर चलता है।
तैयार हुए पंडाल
हरतालिका तीज के दूसरे दिन आज भाद्रपद की चतुर्थी को जगह-जगह पंडालों और घरों मे विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की प्रतिमाएं विराजित की जाएगी। गणेशोत्सव समितियों द्वारा प्रतिमा स्थापना को लेकर समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। शहर मे लगभग 50 स्थानों पर गणेश प्रतिमाओं के स्थापना की संभावना है। विभिन्न समितियों के सदस्यों द्वारा एक दिन पूर्व प्रतिमाएं ले जाकर रख ली गई हैं। जबकि अधिकांश प्रतिमाओं का उठाव आज होगा।

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