आज पूजे जायेंगे भगवान विष्णु के आवेशावतार
कोरोना के कारण नहीं निकलेगा जुलूस, मंदिरों, घरों मे होगी पूजा-अर्चना
उमरिया। भगवान श्री हरि विष्णु के आवेशावतार परशुराम का अवतरण दिवस एवं पावन पर्व अक्षय तृतीया आज जिले भर मे उत्साह और श्रद्धाभावना के सांथ मनाया जायेगा। इस अवसर पर मंदिरों एवं घरों मे भगवान परशुराम जी की विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना, हवन आदि किये जायेंगे। कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन के चलते इस अवसर पर जुलूस आदि नहीं निकाले जायेंगे। उल्लेखनीय है कि सर्वाथ सिद्धि योग होने के कारण आज के दिन भारी संख्या मे वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं परंतु संक्रमण को रोकने पूर्व वर्ष की भांति इस साल भी शादी-विवाह पूरी तरह से प्रतिबंधित किये गये हैं। लिहाजा धूमधाम से मनाये जाने वाले इस त्यौहार पर पूर्णत: शांति रहेगी।
यह है आध्यातिक महत्व
रायपुर छत्तीसगढ़ के विख्यात ज्योतिशाचार्य पं. चंदन शर्मा के अनुसार सनातन हिंदू संस्कृति मे यह दिन अत्यधिक महत्व रखता है। सांथ ही यह दिन सर्वसिद्ध माना गया है, अर्थात इस दिन किया गया हर शुभ कर्म अक्षय फ ल देता है अर्थात सिद्ध हो जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु अपने छठवें अवतार श्री परशुराम जी के रूप मे पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। आज ही के दिन से भगवान बद्रीनारायण जी के मंदिर के कपाट खुलते हैं। इसलिये कहा जाता है कि आज के दिन शुभ कार्य करने के लिये पंचाग देखने की आवश्यक्ता नहीं होती।अक्षय तृतीया पर मंत्र, तंत्र की सिद्धी शीघ्र हो जाती है।
इससे मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
अक्षय तृतीया का दिन मंत्र, जप, तीर्थ स्नान, देवालय दर्शन के लिये श्रेष्ठ माना गया है। इस दिन जल, द्रव्य, गर्मी के फल, छाते, जूते, जौ का दान करने, पितरों के निमित्त तर्पण तथा यज्ञ अनुष्ठान करने से विशेष पुण्य का फल प्राप्त होता है। माता लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्ति के लिये इस दिन जो भी पूजन कार्य किया जाता है, वह दीपावली के सामान ही फल प्रदान करता है। जिनके यहां वर्ष भर के भीतर किसी भी परिजन का स्वर्गवास हुआ हो, उन दिवंगत सदस्यों के निमित्त दान करने से पितृ प्रसन्न हो कर अपनी संतान को विशेष आर्शीवाद देते हैं।