आज निद्रा से जगेंगे देवगण
देवउठनी एकादशी पर होगी श्री हरि की पूजा-अर्चना, मांगलिक कार्यो का शुभारंभ
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, उमरिया
लगभग चार मांह बाद आज देव उठनी एकादशी पर निद्रामग्न देवता जागेंगे। इस अवसर पर मंदिरों और घरों मे भगवान श्री हरि विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जायेगी। इस तिथि से विवाह आदि विभिन्न मांगलिक कार्यो का भी शुभारंभ होगा। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु क्षीर सागर मे विश्राम करने जाते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते।
यह है शुभ मुहूर्त
छत्तीसगढ़ के विख्यात ज्योतिषाचार्य पं. चंदन शर्मा के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को देर रात 11 बजकर 03 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 नवंबर को 09 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म मे उदया तिथि मान्य है अत: 23 नवंबर को देव उठनी एकादशी मनाई जाएगी। साधक 23 नवंबर को व्रत रख सकते हैं। पारण का समय 11 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 51 मिनट से लेकर 08 बजकर 57 मिनट के मध्य है।
इस तरह करें आराधना
कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं अत: देव उठनी एकादशी तिथि पर ब्रह्म बेला मे उठ कर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम से दिन की शुरुआत करें। दैनिक कार्यों से निवृत होने के पश्चात गंगाजल युक्त जल से स्नान-ध्यान के उपरांत आचमन कर व्रत संकल्प लें। तत्पश्चात भगवान भास्कर को जल का अघ्र्य दें और पंचोपचार कर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें।। पूजा के समय पीले वस्त्र धारण करें। इस दिन भगवान को पीले रंग का फल, बेसन के लड्डू, केसर मिश्रित खीर, केले आदि चीजें भोग मे अर्पित करें। एकादशी पर विष्णु चालीसा का पाठ, स्तोत्र, स्तुति का पाठ और मंत्र जाप तथा आरती और उपवास रखने से मनुष्य को सभी व्याधियों से मुक्ति व मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
बाल विवाह रोकने मे करें सहयोग: कलेक्टर
देवउठनी एकादशी पर होने वाले विवाहों मे नव युगलों की निर्धारित आयु का पालन कराने जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक की शादी बाल विवाह की श्रेणी मे आती हैं जो कि अपराध है। बाल विवाह से बच्चों की शिक्षा पर अंकुश लग जाता है, सांथ ही गर्भ धारण कर लेने से बालिका की जान जाने का खतरा भी रहता है। अत: ऐसे आयोजनो से बचें और बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने मे सहयोग प्रदान करें। उन्होने समस्त संस्थाओं, दुकानदारों, प्रिंटर्स, हलवाई, धर्मगुरू आदि से कहा है कि कम आयु वालों बच्चों के वैवाहिक आयोजन मे सेवायें न दें।
इन्हे करें शिकायत
ग्रामीण व शहरी क्षेत्र मे बाल विवाह की शिकायत वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति, जिसमें पार्षद, संबंधित वार्ड, पर्यवेक्षक, महिला एवं बाल विकास सचिव, स्कूलों के प्राधानाध्यापकतथा संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी व स्वास्थ्य कार्यकर्ता को की जा सकती है। इसके अलावा परियोजना अधिकारी पाली मोनिका सिन्हां मोबाइल नंबर 7003229811, परियोजना अधिकारी अंजू सिंह पोर्ते मोबाइल नंबर 8359056178, परियोजना अधिकारी मानपुर राजनारायण सिंह मोबाइल नंबर 9340087453 तथा परियोजना अधिकारी करकेली सुनेंद्र सदाफल को मोबाइल नंबर 9425214173 पर बाल विवाह होने की सूचना दी जा सकती है।