वार्ड में 17 बच्चे एडमिट थे
जानकारी के मुताबिक, इस वॉर्ड में करीब 17 बच्चे थे। यहां नाजुक हालत वाले बच्चों को रखा जाता है। सबसे पहले एक नर्स ने वॉर्ड से धुआं निकलते देखा। उन्होंने तुरंत अस्पताल के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद स्टाफ ने आग बुझाने की कोशिश की। फायर ब्रिगेड को भी जानकारी दी गई। दमकल के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।घटना के बाद हॉस्पिटल के बाहर काफी भीड़ जमा है। लोगों का आरोप है कि घटना के लिए अस्पताल का प्रशासन जिम्मेदार है।
राष्ट्रपति और PM मोदी ने घटना पर दुख जताया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भंडारा में हुए हादसे पर दुख जताया है। राष्ट्रपति ने कहा कि अस्पताल में शिशुओं की असामयिक मृत्यु से मुझे गहरा दुख हुआ है। घटना में अपनी संतानों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।वहीं, PM मोदी ने इसे दिल दहला देने वाली त्रासदी बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमने बहुत कीमती नई जिंदगियां खो दीं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। मेरी प्रार्थना है कि घायल बच्चे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।
अमित शाह बोले, यह दर्द शब्दों से परे है
हॉस्पिटल में मरने वाले बच्चों के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने संवेदनाएं जाहिर की हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह दर्द शब्दों से परे है। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।बच्चों की मौत पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दुख जताया है। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि वे घायलों और मरने वाले बच्चों के परिवारों की हरसंभव मदद करें।
तीन महीने पहले कोविड अस्पताल में आग लगी थी
बीते साल सितंबर में राज्य के कोल्हापुर में एक सरकारी अस्पताल में आग लगी थी। छत्रपति प्रमिला राजे शासकीय अस्पताल में हुई इस घटना का कारण भी शॉर्ट सर्किट बताया गया था। इस अस्पताल में कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा था। उस समय यहां 400 से ज्यादा मरीज एडमिट थे। हालांकि, आग से उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ था।