डा. जीएस परिहार को सिविल सर्जन बनाने का हो रहा विरोध
शहडोल । जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन डॉक्टर आर के बारिया को हटाकर उनके स्थान पर डॉक्टर जी एस परिहार को सिविल सर्जन बनाए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। डॉक्टरों ने पहले कलेक्टर को ज्ञापन दिया था और आज एक बार फिर उन्होंने कमिश्नर को ज्ञापन देकर जीएस परिहार को हटाने और डॉक्टर बारिया को यथावत सिविल सर्जन बनाए जाने की मांग की है।डॉक्टरों ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि डॉ परिहार को नहीं हटाया गया और डॉक्टर बारिया को यथावत नहीं रखा गया तो वे सभी डॉक्टर सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे। बच्चों की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा विभाग को क्लीनचिट देने के अगले कुछ घंटो बाद सीएमएचओ और सिविल सर्जन को हटाने के आदेश देने के पीछे की राजनीति की परते एक-एक कर खुलती नजर आ रही हैं। चिकित्सकों ने प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन को भेजे पत्र में यह उल्लेख किया है कि डॉ. परिहार एक तो दंत चिकित्सक हैं, दूसरा वरिष्ठता के आधार पर उन्हें पद नहीं दिया जाना चाहिए। जिला चिकित्सालय के अन्य वरिष्ठ चिकित्सक किस तरह एक दंत चिकित्सक के अधीन रहकर कार्य करेंगे। इस बात को लेकर चिकित्सकों ने पत्र में लिखा कि वे सभी असहज महसूस कर रहे हैं, इस कारण वह अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।
सिविल सर्जन और सीएमएचओ को क्लीन चिट देने के बाद जब उन्हें पद से हटाया गया, इस घटना क्रम के साथ ही शासन की घोषणा से पहले ही डॉक्टर परिहार के सिविल सर्जन बनने की खबरें आम हो चुकी थी। यह भी बात सामने आई थी कि भाजपा के तथाकथित लोग इस पूरे खेल में डॉ. परिहार जैसे कम अनुभवी, दंत चिकित्सक को सिविल सर्जन के पद पर बैठाकर अपना खेल-खेल लेंगे, जो धीरे-धीरे सामने भी आता गया। संभागायुक्त नरेश पाल ने जिला चिकित्सालय पहुंचकर उन्होंने चिकित्सकों से बैठक भी ली, लेकिन अभी तक चिकित्सक अपने मांगों पर अड़े हैं, यदि यही स्थिति बनी रही और चिकित्सक काम पर नहीं लौटे तो, अस्पताल की व्यवस्था लडख़ड़ा सकती है।
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