सेना ने भारत की तैयारियों को लेकर किया ये दावा
गुवाहाटी। भारतीय सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख ने सोमवार को दावा किया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अब अरुणाचल प्रदेश से सटी सीमा के करीब अपनी तरफ तेजी से बुनियादी ढांचे को विकसित करने में जुटी है। हालांकि, पूर्वी कमान के कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलीता ने यह भी दावा किया कि भारत भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के काम में जुटा है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटने की क्षमताएं तैयार रखी जा सकें।जनरल कलीता ने गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के उस पार तिब्बत क्षेत्र में काफी तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है। चीन लगातार अपनी सड़कों और रेल-हवाई मार्ग को बढ़ाने का काम कर रहा है। इसलिए वे किसी भी हालात से निपटने या सेना तैनात करने के लिहाज से बेहतर स्थिति में हैं।”कलीता ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने सीमा के करीब गांवों को दो तरह से प्रयोग करने के हिसाब से विकसित किया है। लेकिन हम लगातार उसकी हरकतों की निगरानी कर रहे हैं। हम भी लगातार अपनी तरफ इन्फ्रास्ट्रक्चर और क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं, ताकि आगे आने वाली किसी भी स्थिति को ठीक ढंग से संभाला जा सके। उन्होंने हमें मजबूत स्थिति में होने का कारण दिया है।
भारतीय थलसेना के कमांडर ने स्वीकार किया कि सीमावर्ती स्थलों पर क्षमताओं और बुनियादी ढांचे को विकसित करने में दुर्गम स्थल और खराब मौसम सबसे बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय थलसेना उच्च स्तर की अभियानगत तैयारियों के साथ पूरी तरह तैयार है। केंद्र सरकार ने हेलीकॉप्टर कंपनी पवनहंस की बिक्री को रोकने का निर्णय लिया है। बोली लगानेवाली सबसे बड़ी कंपनी स्टार9मोबिलिटी पर उठ रहे सवालों के कारण यह कदम उठाया गया है। स्टार9मोबिलिटी के शेयरधारकों में सबसे बड़े अलमस ग्लोबल फंड के पास इसकी 49 फीसदी हिस्सेदारी है। एनसीएलटी की कोलकाता की शाखा ने अप्रैल में एक आदेश में इस फंड पर प्रतिबंध लगा दिया था। फंड ने इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया के जरिये 568 करोड़ रुपये में कोलकाता की एक कंपनी खरीदने के लिए बोली लगाई थी। लेकिन वह इसका भुगतान नहीं कर पाई थी।
भारतीय थलसेना के कमांडर ने स्वीकार किया कि सीमावर्ती स्थलों पर क्षमताओं और बुनियादी ढांचे को विकसित करने में दुर्गम स्थल और खराब मौसम सबसे बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय थलसेना उच्च स्तर की अभियानगत तैयारियों के साथ पूरी तरह तैयार है। केंद्र सरकार ने हेलीकॉप्टर कंपनी पवनहंस की बिक्री को रोकने का निर्णय लिया है। बोली लगानेवाली सबसे बड़ी कंपनी स्टार9मोबिलिटी पर उठ रहे सवालों के कारण यह कदम उठाया गया है। स्टार9मोबिलिटी के शेयरधारकों में सबसे बड़े अलमस ग्लोबल फंड के पास इसकी 49 फीसदी हिस्सेदारी है। एनसीएलटी की कोलकाता की शाखा ने अप्रैल में एक आदेश में इस फंड पर प्रतिबंध लगा दिया था। फंड ने इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया के जरिये 568 करोड़ रुपये में कोलकाता की एक कंपनी खरीदने के लिए बोली लगाई थी। लेकिन वह इसका भुगतान नहीं कर पाई थी।
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