अमृतसर मे टास्क फोर्स और सिख संगठन मे टकराव

चलीं तलवारें और लाठियां, कई चोटिल, स्थिति तनावपूर्ण
अमृतसर। अमृतसर में एसजीपीसी टास्क फोर्स और सिख संगठनों के बीच टकराव हो गया है। तलवारें और लाठियां चलने से कई लोग के चोटिल होने की खबर है। यह टकराव सतिकार कमेटी, सिख संगठनों और एसजीपीसी टास्क फोर्स के बीच हुआ है। बता दें कि सिख संगठन 40 दिनों से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के लापता 328 पावन स्वरूपों के मामले के आरोपी एसजीपीसी के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। सिख संगठनों व एसजीपीसी टास्क फोर्स के बीच पहले धक्कामुक्की के साथ झड़प हुई। इसके बाद दोनों पक्षों ने हवा में तलवारें लहराकर एक दूसरे को ललकारा। टास्क फोर्स के कर्मचारियों व सिख संगठनों के सदस्यों ने तेजधार हथियारों, तलवारों व लाठियों से एक-दूसरे पर हमला कर दिया। इस हमले में दोनों तरफ के लोगों को चोटें आई हैं। समाचार लिखे जाने तक स्थिति नियंत्रण में लेकिन तनावपूर्ण बनी हुई थी। वहीं कवरेज के लिए पहुंचे मीडिया कर्मियों को भी टास्क फोर्स के कर्मचारियों ने थप्पड़ मारे और उनके मोबाइल और कैमरे छीनकर उन्हें कवरेज से रोक दिया। इसके बाद मीडिया कर्मियों ने भी धरना देकर एसजीपीसी के खिलाफ नारेबाजी की।
40 दिन से धरने पर बैठे हैं सिंख संगठन
जानकारी के अनुसार लापता 328 पावन स्वरूपों के मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग के लिए सिख संगठनों के सदस्य 40 दिन से धरने पर बैठे हैं। सतिकार कमेटी के नेता सुखजीत सिंह खोसा ने शनिवार को दोपहर बाद एक बार फिर एसजीपीसी मुख्यालय तेजा सिंह समुंद्री हॉल के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला जड़ दिया और गेट के बाहर आकर बैठ गए। इसके बाद एसजीपीसी के सदस्य लंगर खाने के लिए दफ्तर से बाहर निकले तो उन्हें जाने नहीं दिया गया। इस पर एक्शन लेते हुए टास्क फोर्स ने सिख संगठनों की ओर से दीवारों पर लगाए पोस्टर फाड़ दिए और धरने पर बैठे सिख संगठनों को खदेड़ दिया। टास्क फोर्स के कर्मचारी सिख संगठनों के कुछ सदस्यों को धक्के मारते हुए एसजीपीसी मुख्यालय तेजा सिंह समुंद्री हाल ले गए। जहां उन्हें बंधक बना लिया गया। इसके बाद सिख संगठन भड़क गए और दोनों पक्ष हाथों में तलवारें लेकर एक दूसरे के सामने कई घंटे तक डटे रहे।
मीडिया कर्मियों से भी मारपीट
यही नहीं एसजीपीसी के कर्मचारियों ने रिपोर्टिग कर रहे कई मीडिया कर्मचारियों को थप्पड़ मारे और उनके मोबाइल व कैमरे छीन लिए और रिपोॄटग करने से रोक दिया। हमले से गुस्साए मीडिया कर्मी भी एसजीपीसी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए और एसजीपीसी मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। सुखजीत ङ्क्षसह खोसा ने २० दिन पहले भी एसजीपीसी दफ्तर के मुख्य गेट पर ताला जड़ा था। खोसा की इस कार्रवाई का कई पंथक संगठनों ने समर्थन नहीं किया था।

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