नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को भोपाल में होने वाली मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बैठक में कनेक्टिविटी, बिजली, नदी जल के बंटवारे और साझा हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मध्य क्षेत्रीय परिषद में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सदस्य राज्यों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। परिषद की बैठक में कनेक्टिविटी, बिजली, नदी जल बंटवारे और साझा हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। निर्धारित प्रक्रिया और परिपाटी के अनुसार, क्षेत्रीय परिषद की बैठक से पहले परिषद की एक स्थायी समिति की बैठक होती है, जिसमें परिषद के समक्ष रखी जाने वाली कार्यसूची की जांच की जाती है और प्राथमिकता तय की जाती है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार देश में सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूत करने और बढ़ावा देने के लिए अपनी समग्र रणनीति के तहत क्षेत्रीय परिषदों की नियमित रूप से बैठकें करती रही है। क्षेत्रीय परिषदें एक या अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केंद्र और राज्यों के बीच के मुद्दों पर व्यवस्थित तरीके से चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। अधिकारी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में क्षेत्रीय परिषदों और इसकी स्थायी समितियों की बैठकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। क्षेत्रीय परिषदें सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यों के बीच चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से एक समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती हैं। देश में पांच क्षेत्रीय परिषदें हैं, जिनकी शुरुआत 1957 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 15-22 के तहत की गई थी। केंद्रीय गृहमंत्री इन क्षेत्रीय परिषदों में से प्रत्येक के अध्यक्ष होते हैं और मेजबान राज्य के मुख्यमंत्री (हर साल रोटेशन द्वारा चुने जाने वाले) उपाध्यक्ष होते हैं। प्रत्येक राज्य के दो और मंत्रियों को राज्यपाल द्वारा सदस्यों के रूप में नामित किया जाता है।
अमित शाह भोपाल में आज करेंगे मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता
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