पंजाब में बड़ा सियासी घटनाक्रम: अमरिंदर सिंह से मिले सीएम चन्नी, हाईकमान से मिलने पहुंचे सिद्धू
दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी गुरुवार को मोहाली के सिसवां स्थित कैप्टन अमरिंदर सिंह के फार्म हाउस पर मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री बनने के बाद चन्नी की यह कैप्टन से पहली मुलाकात है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चन्नी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम और बेटे की शादी से भी दूरी बना रखी थी लेकिन अचानक इस मुलाकात ने पंजाब की सियासत को गर्मा दिया है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू देर शाम पार्टी के संगठनात्मक मामलों पर चर्चा के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत भी कांग्रेस के दिल्ली कार्यालय पहुंच चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ चीजों में समय लगता है।
मुलाकात की टाइमिंग बेहद अहम
कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी की मुलाकात की टाइमिंग बेहद अहम है। एक ओर जहां नवजोत सिंह सिद्धू हाईकमान के सामने आज (गुरुवार) पेश होंगे तो वहीं उससे ठीक पहले चन्नी और कैप्टन की मुलाकात की खबरों ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पहली बार हाईकमान से मुलाकात करेंगे। कहा जा रहा है कि इस दौरान पार्टी में सिद्धू के राजनीतिक भविष्य का फैसला भी हो सकता है।
कैप्टन कर चुके हैं चन्नी की तारीफ
मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू पर निजी हमला बोला लेकिन वे चन्नी की कई मौकों पर तारीफ कर चुके हैं। कैप्टन ने चन्नी को बेहतरीन और पढ़ा-लिखा मंत्री बताया था। हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा था कि चन्नी को गृह मामलों की समझ कम है।
चन्नी सरकार के फैसलों से खफा सिद्धू
चन्नी सरकार ने इकबालप्रीत सिंह सहोता को राज्य का डीजीपी का कार्यभार सौंपा। वरिष्ठ वकील एपीएस देओल को महाधिवक्ता बनाया। सिद्धू इन दोनों फैसलों से बेहद खफा थे। यही वजह है कि उन्होंने अचानक प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर हाईकमान को भी चौंका दिया था। अभी तक सिद्धू ने इस्तीफा वापस नहीं लिया है और न ही हाईकमान ने कोई फैसला किया है। इस बीच सिद्धू ने बिजली के मुद्दे पर चन्नी सरकार को घेरा।
इस मुद्दे पर कैप्टन व चन्नी कर सकते हैं चर्चा
केंद्र सरकार ने पंजाब समेत तीन राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में इजाफा किया है। इसके बाद से प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। पंजाब सरकार ने जहां एक ओर इसे राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल बताया तो वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फैसले की तारीफ की। पंजाब में पहले अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी के दायरे में बीएसएफ को कार्रवाई की अनुमति थी लेकिन अब यह दायरा 50 किमी कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि चन्नी कैप्टन से इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे।