किसान नेता टिकैत बोले, कहा-स्पष्ट नही है सरकार का प्रस्ताव
नई दिल्ली । किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के समक्ष पांच प्रस्ताव भेजे हैं। इस पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार के प्रस्ताव स्पष्ट नहीं हैं। इस पर कल (बुधवार को) चर्चा होगी। आंदोलन खत्म होने पर इसके बाद ही फैसला होगा। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा सरकार ने प्रस्ताव भेजा है कि वे हमारी मांगें मान लेंगे और हमें आंदोलन खत्म कर देना चाहिए। लेकिन प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है। हमारी कुछ शंकाएं हैं, जिनपर कल दोपहर दो बजे चर्चा होगी। हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है। वह यहीं होगा। उन्होंने आगे कहा एसकेएम ने आज कहा है (कल की बैठक के बाद आंदोलन वापस हो सकता है), सरकार यह एक साल से बोल रही है… लेकिन जबतक सारे मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, यहां से कोई घर नहीं जा रहा है।
…तो आंदोलन खत्म करने में नहीं लगेगा ज्यादा समय
उन्होंने कहा, ”पीएम नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद ही मामला समाधान की ओर बढ़ चुका था। लेकिन इतनी देरी हुई तो यह भी दुख की बात है। यदि हम अभी उठ जाएं तो क्या बाद में किसी एक किसान की हिम्मत है कि वह अकेले थाने चला जाए और उसका केस खत्म हो जाए। ऐसे तमाम मामलों पर बैठकर बात करनी होगी। सरकार की ओर से मिली चिट्ठी में भी कुछ बिंदु हैं, इन पर यदि स्पष्टीकरण मिल जाए तो फिर ज्यादा समय आंदोलन खत्म करने में नहीं लगेगा।
ये है केंद्र सरकार का प्रस्ताव
केंद्र सरकार के समझौते के मसौदे के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्य एमएसपी पर बनने वाली कमेटी में शामिल किए जाएंगे। वहीं, सरकार ने एक साल के भीतर किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को भी वापस लेने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा इस मसौदे में पंजाब मॉडल पर मुआवजा देने की बात भी है। खबरों के मुताबिक केस वापसी पर हरियाणा, यूपी राजी हैं। वहीं बिजली बिल को लेकर भी सरकार का रुख लचीला है। पराली जलाने पर आपराधिक धाराएं खत्म करने का प्रस्ताव किया गया है।
किसानों की ये हैं मांगें
– एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए।
– आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले
– किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं
– बिजली बिल और पराली बिल को निरस्त किया जाए
– लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए।