फिर 25 रूपये बढ़े घरेलू गैस के दाम, मंहगाई से निकला जनता का कचूमर
उमरिया। गैस कम्पनियों ने एक बार फिर घरेलू गैस के दामो मे जोरदार वृद्धि की है। ऐसे समय मे जब देश अफगानिस्तान मे आतंक की घुसपैठ और समस्याओं से जूझ रहे लोगों को देख कर हैरान था, धीरे से सिलेण्डर की कीमतें 25 रूपये बढ़ा दी गई। जिला मुख्यालय मे अब इसके दाम 882.50 रूपये हो गये हैं। उल्लेखनीय है कि एक तरफ मोदी सरकार ने घरेलू सिलेण्डर पर मिलने वाली सब्सिडी लगभग खत्म कर दी है, तो दूसरी ओर हर दो-तीन महीनो मे सिलेण्डर कीमतें बढ़ाई जा रही हैं। केन्द्र मे भाजपा की सरकार आने से पहले महज सवा चार सौ रूपये मे मिलने वाला सिलेण्डर अब दोगुना हो गया है। कोरोना महामारी, बेरोजगारी तथा तेजी से कम हो रही आमदनी से परेशान लोगों के लिये पेट्रोलियम और घरेलू गैस के दामो की बढ़ोत्तरी बड़ा संकट बन गई है। विशेषकर कुकिंग गैस मंहगा होने से गृहणियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
परिवार पर बढ़ रहा बोझ
सरकार बार-बार गैस सिलेण्डर के दाम बढ़ा रही है, जो कि उचित नहीं है। इसके कारण पहले से ही मंहगाई से परेशान परिवारों पर बोझ बढ़ रहा है। मूल्यवृद्धि को रोकने के सांथ ही इसकी कीमत कम की जानी चाहिये।
रीता सिंह
छात्रा
लकड़ी से बनाने लगे खाना
कुकिंग गैस के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सिलेण्डर भराने के लिये गांव से शहर आना पड़ता है, इसमे भी काफी पैसा लग जाता है। इसकी वजह से कई लोग फिर लकड़ी से खाना बनाने लगे हैं।
पार्वती यादव
छात्रा
गरीब, मध्यम वर्ग पर असर
गैस के दाम बढऩे से अमीरों को तो कोई खास फर्क नहीं पड़ता पर गरीब और मध्यम वर्ग का सारा बजट ही बिगड़ जाता है। कोरोना महामारी और लॉकडाउन से कई परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। सरकार को अब जनता पर रहम करना चाहिये।
शिप्रा सिंह
गृहणी
उज्जवला के सिलेण्डर खाली
प्रधानमंत्री ने गरीब परिवारों को उज्जवला योजना के जरिये मुफ्त सिलेण्डर तो दे दिया, अब उसे भरवायें कहां से। जब से यह योजना आई है, तभी से सिलेण्डर मंहगा होना शुरू हो गया है। अधिकांश लोगों ने दूसरी बाद सिलेण्डर भरवाया ही नहीं है।
कप्पी बाई
गृहणी