कृषि कानूनों को लेकर 17 दिन से किसान और सरकार के बीच चल रहा घमासान
-आज राजस्थान के किसान दिल्ली पहुंचेंगे, दिल्ली-जयपुर हाईवे करेंगे ब्लॉक
– किसान नेताओं ने भूख हड़ताल का किया ऐलान
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में 17 दिन से जारी किसानों का आंदोलन और तेज होता जा रहा है। सरकार और किसानों के बीच सहमति नहीं बन पा रही हैं। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। किसान कानून वापसी पर अड़े हुए हैं। वहीं सरकार भी किसान की बात मांनने को तैयार नहीं है। ऐसे में सवाल उठ रहा कि इस आंदोलन का समाधान कैसे होगा?
उधर, शनिवार को किसान नेता कमल प्रीत सिंह ने कहा कि रविवार को राजस्थान के हजारों किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे आंदोलन खत्म करने के लिए कई हथकंडे अपनाए, लेकिन हमने सब फेल कर दिया।
14 को भूख हड़ताल
कमल प्रीत ने कहा कि सरकार ने हमें बांटने की भरपूर कोशिश की। जीत मिलने तक हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। 14 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर कई किसान नेता एक साथ मंच पर आएंगे और भूख हड़ताल करेंगे। हमारी मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। हम किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं।
इस बीच, किसान नेता गुरनाम सिंह ने बताया कि किसानों की पंजाब से आने वाली कई ट्रॉलियों को सरकार ने रोक लिया है। हम लोग सरकार से अपील करते हैं कि वो किसानों को दिल्ली पहुंचने दें। अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस से भूख हड़ताल भी शुरू करेंगे। इससे पहले, शनिवार को ऐलान के मुताबिक, किसानों ने पंजाब और हरियाणा में टोल फ्री कर दिए। टोल कर्मचारियों को लोगों से टैक्स नहीं वसूलने दिया गया। किसानों ने ज्यादातर टोल प्लाजा पर कब्जा किया। उधर, जालंधर में किसानों का समर्थन कर रही सिख तालमेल कमेटी ने रिलायंस ज्वेल्स का शोरूम बंद करवा दिया।
दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम आज
किसान शनिवार को दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने वाले थे, लेकिन ये टल गया। किसानों के प्रदर्शन में शामिल सोशल एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान और हरियाणा के किसान शनिवार को कोटपुतली और बहरोड़ में इक_े हो रहे हैं। आज दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।
किसानों के विकास के लिए चौतरफा प्रयास: तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार का मकसद किसानों की खराब आर्थिक हालत में सुधार लाना है। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। तीन दिवसीय नॉलेज एक्सचेंज समिट के दसवें संस्करण का शुभारंभ करते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से भी किसानों को फायदा पहुंचा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार के पास किसानों का बड़ा डाटा बैंक होगा, जिससे मिट्टी की जांच, बाढ़ की चेतावनी, सैटेलाइट की तस्वीरों से लेकर जमीन के राजस्व रिकॉर्ड जैसी सूचनाएं उन्हें घर बैठे ही मिलेंगी। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य किसानों की माली हालत सुधार करना, कृषि क्षेत्र फायदे की स्थिति में आने के लिए युवाओं को खेती से जोडऩा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखा है और राज्यों के साथ मिलकर गांवों का विकास करना और गरीबों व किसानों के जीवन में खुशहाली लाना उनका प्रमुख लक्ष्य है।
नीति और नीयत दोनों से चाहते हैं किसानों का हित: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को फिक्की की 93वीं वार्षिक बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मोदी ने अपने भाषण में किसानों पर खास जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को जितना सपोर्ट मिलेगा, हम जितना इन्वेस्ट करेंगे, उतना किसान और देश मजबूत होगा। सरकार नीयत और नीति से किसानों का हित चाहती है। उन्होंने कहा कि आज भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर पहले से ज्यादा वाइब्रेंट हुआ है। आज किसानों के पास मंडियों के बाहर बेचने का भी ऑप्शन भी है। वे डिजिटल माध्यम पर भी खरीद-बिक्री कर सकते हैं। किसान समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा।
किसानों को सपोर्ट मिलेगा तो देश भी मजबूत होगा
जितना हमारे देश में एग्रीकल्चर में प्राइवेट सेक्टर को निवेश करना था, उतना नहीं हुआ। हमारे यहां कोल्ड स्टोरेज की समस्या रही है। फर्टिलाइजर की दिक्कत रहती है, इसे इम्पोर्ट किया जाता है। इसके लिए उद्यमियों को आगे आना चाहिए। किसानों को जितना सपोर्ट मिलेगा, हम जितना इन्वेस्ट करेंगे, उतना किसान और देश मजबूत होगा।