‘अग्निपथ’ पर कांग्रेस का सत्याग्रह

योजना के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। एक ओर जहां युवा केंद्र सरकार की इस योजना का युवाओं द्धारा विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है तो दूसरी ओर सियासत भी इस पर तेज हो गई है। कांग्रेसी भी ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ आज जंतर-मंतर पर ‘सत्याग्रह’ कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं और समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के लिए फायदेमंद नहीं है तथा यह राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डालती है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी नेताओं-जयराम रमेश, राजीव शुक्ला, सचिन पायलट, सलमान खुर्शीद और अलका लांबा ने ‘सत्याग्रह’ में हिस्सा लिया। प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार गरीबों और युवाओं के लिए नहीं, बल्कि बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। प्रियंका ने कहा कि देश की सेवा करने के लिए पूरे जीवन भर सेना में भर्ती होना चाहते हैं। ये जो भी हो रहा है, गलत हो रहा है। इस योजना को वापस लेना चाहिए। केंद्र सरकार पर अग्निपथ स्कीम को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि बार-बार नौकरी की झूठी उम्मीद दे कर, प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को बेरोज़गारी के ‘अग्निपथ’ पर चलने के लिए मजबूर किया है। 8 सालों में, 16 करोड़ नौकरियां देनी थीं मगर युवाओं को मिला सिर्फ़ पकोड़े तलने का ज्ञान। देश की इस हालत के सीधे तौर पर ज़िम्मेदार केवल प्रधानमंत्री हैं। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस आज जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रही है। देश भर के युवा सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए पेश की गई ‘अग्निपथ’ योजना का डटकर विरोध कर रहे हैं। इस योजना के खिलाफ युवा सड़कों पर उतर आए हैं और कई शहरों में हिंसा की घटनाएं भी दर्ज की गई है। अग्निपथ’ योजना के खिलाफ आज भी देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। शनिवार को ‘बिहार बंद’ की भी घोषणा कई संगठनों ने की थी और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक रेलवे स्टेशन और एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया। यहां हुए हिंसक प्रदर्शनों में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए है। गत 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े सत्रह साल से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है। बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को 23 वर्ष तक बढ़ा दिया था। नयी योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा। इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्य कर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन एवं पेंशन भुगतान में कटौती करना है।

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