अंतत: विदा हुए सीईओ अंशुल गुप्ता

अंतत: विदा हुए सीईओ अंशुल गुप्ता
दिखा विधायक के गुस्से का असर, पत्र लिख लगाये थे गंभीर आरोप
उमरिया। लंबे समय से विवादों मे रहे जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंशुल गुप्ता का शासन ने तबादला कर दिया है। सोमवार को देर रात जारी आदेश मे श्री गुप्ता को नगर निगम उज्जैन का आयुक्त बनाया गया है। जानकारी के अनुसार जिले के जनप्रतिनिधि लगातार उनसे नाराज चल रहे थे। बीते दिनो जिले के बांधवगढ़ विधायक शिवनारायण सिंह ने एक सांथ दो पत्र लिख कर उनकी कार्यप्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाये थे। जिनमे कहा गया था कि वे शासन द्वारा जारी की गई राशि के कार्यो पर रोक लगा रहे हैं। उनके द्वारा तकनीकि स्वीकृत न देने का आदेश जारी किया जाता है। जिससे गावों मे योजनाओं के कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इसके कारण सरकार की छवि खराब हो रही है। विधायक श्री सिंह के दूसरे पत्र मे कहा गया था कि जिला पंचायत द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत क्रय की जाने वाली सामग्री हेतु एक मुश्त निविदा निकाली गई है, जो कि पंचायती राज के तहत पंचायतों को दिये गये अधिकारों का हनन है। इस पत्र मे पंचायतों को सामग्री का स्पेसिफिकेशन न दिये जाने की बात भी कही गई है।
पंचायतें ही खरीदें सामान
बताया जाता है कि सीईओ द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत आवश्यक सामग्री क्रय करने हेतु निविदा नं. जीईएम/2021/बी/1486592 दिनांक 02/09/2021 एवं विड नं. जीईएम/2021/बी/1486390 दिनांक 02/09/2021 निकाली गई है। बिड मे उल्लेखित सामग्री के संबंध मे उन पंचायतों को किसी प्रकार का स्पेसिफिकेशन तक नहीं दिया गया, जिन्हे इसका इस्तेमाल करना है। 11 सितंबर को लिखे पत्र मे विधायक ने कहा है कि इस प्रक्रिया से पंचायत प्रतिनिधियों मे रोष व्याप्त है, अत: टेण्डर निरस्त कर पंचायतों के माध्यम से ही सामग्री क्रय की जाय।
अनावश्यक रोक न लगायें
विधायक द्वारा दिनांक 11 सितंबर को ही लिखे अपने दूसरे पत्र मे सीईओ से 15वें वित्त एवं स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत प्राप्त राशि मे अनावश्यक रोक न लगाने की बात कही गई है। पत्र मे उल्लेखित है कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान यह शिकायत मिली है कि सीईओ शासन द्वारा जारी राशि के कार्यो मे नकेवल रोक लगाते है बल्कि तकनीकि स्वीकृति न देने का आदेश तक जारी कर रहे है। जिससे कार्य नहीं हो पा रहे हैं। विधायक के पत्र मे साफ तौर पर सीईओ द्वारा सरकार की छवि खराब करने की बात भी कही गई है।
मिली बेहतर पोस्टिंग
विधायक के मुखर विरोध के बाद से यह समझा जा रहा था कि सीईओ का जिले मे रूकना अब मुश्किल है। हलांकि शासन ने उन्हे उज्जैन नगर निगम मे आयुक्त पद से नवाजा है। जो जिला पंचायत उमरिया के लिहाजा से काफी बेहतर है। जानकारों का मानना है कि इतने तीव्र विरोध और अनियमितताओं के आरोपों के बाद भी श्री गुप्ता को उज्जैन जैसे स्थान पर भेजा जाना सत्ता के गलियारों मे उनकी पहुंच को दर्शाता है।

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