NEET-JEE परीक्षा का विरोध

सोनिया ने बुलाई गैर भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों की बैठक एकजुट होने पर जोर

नईदिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर राज्यों के बकाया जीएसटी और नीट-जेईई परीक्षा के आयोजन को लेकर गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाई। इसमें शामिल सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रदेशों के अधिकारों के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होने पर जोर दिया। राज्यों ने कहा कि कोरोना संकट के कारण राज्यों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार को जीएसटी के मुआवजे का पूरा भुगतान करना चाहिए। बैठक में मेडिकल और इंजीनियङ्क्षरग कॉलेजों में प्रवेश को लिए होने वाली नीट और जेईई की परीक्षाओं को आयोजित किए जाने के फैसले का विरोध किया गया और ये परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की गई। बैठक में मौजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परीक्षा आयोजित करने से बच्चों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खतरे का मुद्दा उठाया। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिस्सा लिया। इस दौरान सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को पिछले चार महीने से जीएसटी का भुगतान न करने को केंद्र सरकार का छल बताया। बता दें कि देश में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा नीट और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली जेईई परीक्षा को एक सितंबर से कराने का निर्णय किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इन परीक्षाओं के आयोजन को अनुमति दे दी है। दूसरी ओर, २७ अगस्त को जीएसटी काउंसिल की बैठक आयोजित होनीहै और केंद्र सरकार ने राज्यों की हिस्सेदारी नहीं चुकाई है। गैर एनडीए शासित राज्यों में इससे चिंता है। बनर्जी ने कहा, सहकारी संघवाद के नाम पर केंद्र ने राज्य सरकारों को ‘कुचल डाला है, हम लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं सोनिया गांधी ने कहा कि पर्यावरण असर आकलन (ईआईए) कानून का मसौदा अलोकतांत्रिक है। मोदी सरकार ने पर्यावरण, लोक स्वास्थ्य की सुरक्षा वाले कानूनों को कमजोर किया है।
राज्यों की खराब वित्तीय स्थिति को बनाएं मुद्दा:गहलोत
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस महामारी के चलते राज्यों की खराब वित्तीय स्थिति पर चिंता जताई और इसे बड़ा मुद्दा बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने सोनिया गांधी से कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्रियों के साथ राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री से मुलाकात करें। गहलोत ने सोनिया से कहा, पहले भी जब अकाल या सूखा पड़ा था तो आप हम सभी मुख्यमंत्रियों को लेकर प्रधानमंत्री वाजपेयी के पास गई थीं, उसका बड़ा असर पड़ा था। वक्त आ गया है, जितने भी मुख्यमंत्री हैं, हम सब आपके साथ चलें और या तो प्रधामंत्री से मिलकर अपनी बात कहें या राष्ट्रपति से मिलें। उन्होंने कहा, हमें इसे मुद्दा बनाना पड़ेगा। मुद्दा बनाए बगैर मैं समझता हूं, ये ध्यान देने वाले नहीं हैं। जितना हम बोल रहे हैं, उससे ज्यादा विकट स्थिति है। हमें ङ्क्षचता हो रही है कि आने वाले वक्त में अगर भारत सरकार ने समय रहते हुए कदम नहीं उठाए तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
केंद्र सरकार से डरना है या लड़ना है तय करें: उद्धव
उद्धव ठाकरे ने अमेरिका में स्कूल-कॉलेज खोले जाने पर बनी स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, अमेरिका से एक रिपोर्ट आई थी कि जब वहां स्कूल खोले गए थे तो लगभग ९७,००० बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। अगर ऐसी स्थिति यहां बन गई तब हम क्या करेंगे ठाकरे ने कहा हमें यह तय करना चाहिए कि हमें डरना है या लड़ना है।
ममता बनर्जी ने किया सुप्रीम कोर्ट जाने का आह्वान
ममता बनर्जी ने बैठक में कहा, मेरा सभी राज्य सरकारों से अनुरोध है कि हमें साथ मिलकर काम करना होगा। आइए हम साथ में सर्वोच्च न्यायालय जाते हैं और परीक्षा को तब तक के लिए स्थगित करवा देते हैं जब तक कि स्थिति छात्रों के परीक्षा में बैठने लायक नहीं हो जाती।

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